Edited By Updated: 24 May, 2017 07:54 AM
केंद्र सरकार द्वारा जुलाई में लागू किए जाने वाले कर सुधार जी.एस.टी. को लेकर छोटे व्यापारियों में भारी अनिश्चितता का माहौल पाया जा रहा है। व्यापारियों को अभी तक कई आइटमों पर जी.एस.टी. दरों को लेकर स्थिति साफ नहीं है।
जालंधर (धवन): केंद्र सरकार द्वारा जुलाई में लागू किए जाने वाले कर सुधार जी.एस.टी. को लेकर छोटे व्यापारियों में भारी अनिश्चितता का माहौल पाया जा रहा है। व्यापारियों को अभी तक कई आइटमों पर जी.एस.टी. दरों को लेकर स्थिति साफ नहीं है। व्यापारियों का मानना है कि पहले ही नोटबंदी ने व्यापार को भारी धक्का पहुंचाया है, अब ऊपर से जी.एस.टी. की अनिश्चितता व्यापार पर और भारी पड़ रही है। लघु व्यापारी नेता गुरप्रताप सिंह बेदी ने बताया कि जी.एस.टी. को लेकर चल रही अनिश्चितता ने व्यापार में धीमापन ला दिया है। उन्होंने बताया कि जी.एस.टी. दरों को लेकर स्पष्टता न होने के कारण व्यापारियों को यह चिंता सता रही है कि कल को जी.एस.टी. लागू होने के बाद उनके उत्पादों पर कौन-सी दरें लागू हो जाएंगी।
अगर व्यापारी 6 प्रतिशत वैट का भुगतान कर रहा है तो कल को अगर उस उत्पाद पर जी.एस.टी. को खत्म कर दिया गया तो उस स्थिति में व्यापारी को नुक्सान झेलना पड़ेगा क्योंकि उसने तो माल अपने गोदामों में 6 प्रतिशत वैट अदा करने के बाद भर कर रखा हुआ है इसलिए व्यापारियों को यह बात समझ में नहीं आ रही है कि वह अपने गोदामों में कितना स्टॉक रखें व कितना नहीं। जी.एस.टी. को लेकर अब प्रश्र यह खड़ा होता है कि अगर कल को जी.एस.टी. दरें ज्यादा हो गईं या फिर बिल्कुल खत्म हुईं तो उस स्थिति में व्यापारियों को सीधे तौर पर नुक्सान उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार कह रही है कि जी.एस.टी. लागू होने के बाद 2 नंबर का व्यापार खत्म हो जाएगा तथा चोरी पर लगाम लगेगी। इसमें व्यापारी अपना सहयोग देने के लिए तैयार हैं परंतु अगर जी.एस.टी. लागू होने के बाद व्यापारियों को दोबारा सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़े तो उलट स्थिति पैदा हो जाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को सबसे पहले जी.एस.टी. लागू करने से पूर्व अनिश्चितता के दौर को खत्म करना होगा। अनिश्चितता तभी खत्म होगी जब सरकार यह बताए कि प्रत्येक आइटम पर कितना जी.एस.टी. लागू होगा।
व्यापारी उस हिसाब से अपने गोदामों में स्टाक रख सकेंगे। उन्होंने कहा कि पहले केंद्र सरकार ने अचानक नोटबंदी का फैसला लेकर व्यापार को तबाह कर दिया जिस कारण अभी तक व्यापारी दोबारा अपने पांव पर खड़े नहीं हो सके हैं। अभी भी उन्हें नोटबंदी के असर से उभरने में काफी समय लगेगा। बाजार में विभिन्न उत्पादों की मांग में बढ़ौतरी नहीं हो रही है। जब तक मांग नहीं बढ़ेगी तब तक उद्योग जगत उत्पादों की सप्लाई को बढ़ाने के लिए उत्पादन में बढ़ौतरी नहीं करेगा। बेदी ने कहा कि केंद्र को जी.एस.टी. लागू करने में अभी कुछ और मोहलत व्यापार व उद्योग जगत को दे देनी चाहिए क्योंकि जैसे-जैसे जी.एस.टी. को लेकर स्पष्टता आएगी वैसे-वैसे व्यापारी अपने आपको उसके अनुसार ढालने में सफल होंगे। जी.एस.टी. नि:संदेह लागू हो पर उसे लेकर व्यापारियों की मुश्किलों का समाधान पहले होना चाहिए।