Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Nov, 2017 08:43 AM
नेत्रहीन कैंडीडेट पर फिजिकली हैंडीकैप्ड कैटेगरी में सब-डिवीजनल इंजीनियर (सिविल) पोस्ट के लिए विचार करने से इंकार करने पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब पब्लिक सॢवस कमीशन व डिपार्टमैंट ऑफ पब्लिक वक्र्स (बी. एंड आर.) को फटकार लगाई है।
चंडीगढ़ (बृजेन्द्र): नेत्रहीन कैंडीडेट पर फिजिकली हैंडीकैप्ड कैटेगरी में सब-डिवीजनल इंजीनियर (सिविल) पोस्ट के लिए विचार करने से इंकार करने पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब पब्लिक सॢवस कमीशन व डिपार्टमैंट ऑफ पब्लिक वक्र्स (बी. एंड आर.) को फटकार लगाई है।
केस की सुनवाई में हाईकोर्ट ने कहा कि एक्ट एक सामाजिक कानून है जो दिव्यांग लोगों को सरकारी संस्थानों में न्यूनतम 3 प्रतिशत रिजर्वेशन मुहैया करवाते हुए उन्हें लाभ प्रदान करता है जो नेत्रहीन या कम देख पाने वाले, सुनने में अक्षम, लोकोमोटिव दिव्यांगता या सैरेब्रल पाल्सी दिव्यांगों के लिए 1 प्रतिशत तक रिजर्वेशन तक जा सकता है।
इस संबंध में हाईकोर्ट ने मई, 1997 में डिपार्टमंैट ऑफ सोशल सिक्योरिटी एंड डिवैल्पमैंट ऑफ वूमैन एंड चिल्ड्रन द्वारा जारी निर्देशों को आधार बनाया। हाईकोर्ट ने इंटरव्यू कर याची की नियुक्ति पर विचार किए जाने या अलग से पोस्ट गठित करने को कहा है। मामले में हाईकोर्ट ने पाया कि अथॉरिटी ने पर्संस विद डिसएबिलिटीज (इक्वल ऑपच्र्यूनिटीज, प्रोटैक्शन ऑफ राइट्स एंड फुल पाॢटसिपेशन) एक्ट के पालन में इच्छाशक्ति की कमी दिखाई है।