Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Mar, 2018 12:38 PM
निजी अस्पतालों को दवाइयों की सप्लाई से जुड़ा लाभ न कमाने दिया जाए क्योंकि वे पहले से ही बैड चार्ज, परामर्श चार्ज, नर्सिग चार्ज, ऑप्रेशन थिएटर चार्ज वसूल रहे हैं।
चंडीगढ़ (बृजेन्द्र): निजी अस्पतालों को दवाइयों की सप्लाई से जुड़ा लाभ न कमाने दिया जाए क्योंकि वे पहले से ही बैड चार्ज, परामर्श चार्ज, नर्सिग चार्ज, ऑप्रेशन थिएटर चार्ज वसूल रहे हैं। इन निजी अस्पतालों को मरीज को बाहर की कैमिस्ट शॉप्स से दवाइयां खरीदने से नहीं रोकना चाहिए। निजी अस्पताल मार्कीट रेट से काफी अधिक रेट में दवाइयां बेचते हैं। यह न्यायोचित नहीं है और गैर-कानूनी व असंवैधानिक है।
इन गंभीर आरोपों को लेकर वैटर्नरी कालेज हिसार में वैज्ञानिक के रूप में कार्यरत हिसार निवासी डा. संदीप कुमार गुप्ता ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इसमें केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार, पंजाब सरकार एवं नैशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी, डिपार्टमैंट ऑफ फार्मास्यूटिकल्स नई दिल्ली को पार्टी बनाया है।
हाईकोर्ट को नैशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी की रिपोर्ट बारे भी अवगत करवाया गया जिसके मुताबिक निजी अस्पताल खरीदी दवाइयों को 1700 प्रतिशत बढ़ौतरी के रेट से आगे बेचते हैं जिसके चलते मैडीकल ट्रीटमैंट गरीबों के बस से बाहर है। जस्टिस टी.पी.एस. मान और जस्टिस अनूपइंद्र सिंह ग्रेवाल की कोर्ट ने मामले में केंद्र समेत अन्य प्रतिवादियों को 1 मई के लिए नोटिस जारी किया है।