Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Oct, 2017 03:24 AM
कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की सरकार पंजाब के पूर्व मुख्य मंत्री बेअंत सिंह के पोते गुरइकबाल सिंह को डी.एस.पी. नियुक्त करने के मामले में बुरी तरह घिरती जा रही है। खालड़ा मिशन आर्गेनाइजेशन की ओर से बेअंत सिंह के पोते को नौकरी देने बारे हाईकोर्ट में चुनौती...
अमृतसर(पुरी): कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की सरकार पंजाब के पूर्व मुख्य मंत्री बेअंत सिंह के पोते गुरइकबाल सिंह को डी.एस.पी. नियुक्त करने के मामले में बुरी तरह घिरती जा रही है। खालड़ा मिशन आर्गेनाइजेशन की ओर से बेअंत सिंह के पोते को नौकरी देने बारे हाईकोर्ट में चुनौती दे दी गई है।
एडवोकेट जगदीप सिंह रंधावा ने बताया कि एक पटीशन प्रवीन कुमार की ओर से हाईकोर्ट में डाली गई है जिसमें अगली तारीख 5 दिसम्बर की है। उन्होंने कहा कि इस मामले में हाईकोर्ट की ओर से गुरइकबाल सिंह वगैरह को नोटिस भी जारी हो गया है। उन्होंने बताया कि प्रवीन कुमार ने अपनी पटीशन में आरोप लगाया था कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने 21 नौजवान प्रधान मंत्री चंद्र शेखर के पास पेश करवाए थे। प्रवीन कुमार के भाई गुलशन कुमार को भी 22 जून 1992 को एक मुकाबले में मार दिया गया था। झूठे मुकाबलों के शिकार नौजवानों के कातिलों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय कैप्टन सरकार ने बेअंत सिंह के पोते को डी.एस.पी. की नौकरी देकर उनके जख्मों पर नमक छिड़का है।
लाखों बेरोजगारों को नौकरी का आश्वासन देकर बनी सरकार ने अगर किसी को नौकरी दी है तो उसे दी है, जिसके दादा ने मानवाधिकारों का बेरहमी से शोषण किया था। उन्होंने कहा कि गुरइकबाल सिंह की डिग्री जो तमिलनाडु से मिली है, सरकारी नियमों के मापदंडों पर पूरी नहीं उतर सकती, क्योंकि ऐसी डिग्रियों के कारण ही पंजाब सरकार क्लर्कों की नियुक्ति रद्द कर चुकी है। गुरइकबाल सिंह को गैर कानूनी तौर पर छूट दी गई है। सुप्रीम कोर्ट के उसआदेश का भी उल्लंघन हुआ है जिसमें तरस के आधार पर नौकरी देने की जगह शाही परिवार को नौकरी दी गई है।
उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट में पटीशनर की ओर से पंजाब मानवीय अधिकार संगठन के प्रमुख आर.एस. बैंस पेश हुए हैं। इस मौके पर बीबी परमजीत कौर खालड़ा, सतिन्द्र सिंह पलासोर, हरमनदीप सिंह, कृपाल सिंह रंधावा, बाबा दर्शन सिंह आदि उपस्थित थे।