Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Aug, 2017 05:32 PM
पंजाब में बड़ी तेजी से पैर पसार रहे हैपेटाइटिस रोग से ग्रस्त मरीजों की संख्या बढ़कर 32,095 हो चुकी है। महज 2 माह में ही हैपेटाइटिस रोग से ग्रस्त
भटिंडा(पायल): पंजाब में बड़ी तेजी से पैर पसार रहे हैपेटाइटिस रोग से ग्रस्त मरीजों की संख्या बढ़कर 32,095 हो चुकी है। महज 2 माह में ही हैपेटाइटिस रोग से ग्रस्त 6,000 मरीज प्रकाश में आए हैं। मौजूदा समय में भटिंडा के शहीद भाई मनि सिंह सरकारी अस्पताल में 2,200 मरीज उपचार करवा रहे हैं, जबकि रोजाना 8 से 10 नए मरीज सामने आ रहे हैं। गौर हो कि पहले ही कैंसर व एड्ज जैसी नामुराद बीमारियां लोगों की जान ले रही हैं और अब हैपेटाइटिस रोग भी जानलेवा बन रहा है। यह रोग एच.आई.वी. (एड्ज) से भी अधिक तेजी से फैल रहा है और जागरूकता के अभाव में बड़ी तादाद में लोग इस गंभीर रोग का शिकार हो रहे हैं।
संक्रमण से फैलता है रोग
यह रोग संक्रमण से फैलता है और इससे बचने हेतु सावधानी बरतनी बेहद जरूरी है। यह वायरस रक्त, थूक, वीर्य, असुरक्षित यौन संबंधों, पीड़ित मां से बच्चे में फैल सकता है। इसके अलावा इस्तेमाल की गई सूइयां दोबारा प्रयोग करने, कटिंग अथवा शेव हेतु बार-बार एक ही ब्लेड इस्तेमाल करने या संक्रमित रक्त चढ़ाने से यह रोग हो जाता है। हैपेटाइटिस बी व सी से प्रभावित कई लोगों में कोई लक्ष्ण नहीं होते परन्तु हैपेटाइटिस सी से पीड़ित कई व्यक्तियों में फ्लू जैसे लक्ष्ण होते हैं, जबकि कुछ लोग थकान, बुखार, भूख का मर जाना, पेट दर्द व दस्त जैसे लक्ष्ण महसूस करते हैं। ऐसे लक्ष्ण नजर आने पर विशेषज्ञ डाक्टर से संपर्क कर रक्त की जांच व उपचार शुरू करवाना जरूरी है।
सरकारी अस्पताल में करवाएं नि:शुल्क उपचार: डा. मान
हैपेटाइटिस रोग के विशेषज्ञ डा. बेअंत सिंह मान कहते हैं कि हैपेटाइटिस सी बेहद गंभीर रोग है। इससे बचाव हेतु नीम-हकीमों के चक्कर में पडऩे की बजाए विशेषज्ञ डाक्टरों से ही उपचार करवाना चाहिए। ग्रामीण लोग अज्ञानतावश सही उपचार न लेकर बीमारी बढ़ा लेते हैं, जिससे बीमारी गंभीर रूप धारण करके रोगी को मौत के मुंह में पहुंचा सकती है। इस बीमारी की गंभीरता व इलाज पर आने वाले भारी भरकम खर्च को देखते हुए पंजाब सरकार द्वारा ‘मुख्यमंत्री कैंसर राहत कोष’ की भांति ‘मुख्यमंत्री हैपेटाइटिस सी राहत कोष’ भी स्थापित किया गया है, जिसके तहत सरकारी अस्पतालों में मरीजों का नि:शुल्क उपचार किया जाता है।