हैवी ट्रक मालिकों के लिए ‘जी का जंजाल’ बना डी.टी.ओ. कार्यालयों का खात्मा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Nov, 2017 04:59 PM

heavy truck vehicles

मार्च माह में प्रदेश की सत्ता संभालने वाले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए सभी जिलों में डी.टी.ओ. के पद खत्म करने को लेकर जारी किए गए आदेशों से जहां परिवहन विभाग की सभी पावरें सब-डिवीजन स्तर पर...

कपूरथला(भूषण): मार्च माह में प्रदेश की सत्ता संभालने वाले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए सभी जिलों में डी.टी.ओ. के पद खत्म करने को लेकर जारी किए गए आदेशों से जहां परिवहन विभाग की सभी पावरें सब-डिवीजन स्तर पर एस.डी.एम. रैंक के अधिकारियों को शिफ्ट हो गई हैं।

 वहीं हैवी ट्रकों को लेकर जारी होने वाले परमिट, पासिंग व लाइसैंस जारी करने की शक्तियां आर.टी.ए. रैंक के अधिकारियों को शिफ्ट होने से इन सभी कार्यों में हो रही जबरदस्त देरी ने ट्रक आप्रेटरों व उनके मालिकों  के लिए ‘जी का जंजाल’ बन गया है वही इन में हलचल भी मचा दी है। आलम तो यह है कि जिला कपूरथला का डाटा आर.टी.ए. कार्यालय जालंधर में अपलोड न होने के कारण गत 4-5 महीनों से हैवी ट्रकों से संबंधित सभी काम रुके हुए हैं। 

ट्रांसपोर्ट विभाग को पारदर्शी बनाने के लिए सरकार ने दिए थे आदेश
गत कई दशकों से प्रदेश में ट्रांसपोर्ट विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार व ट्रक मालिकों को तंग करने को लेकर मिल रही शिकायतों को देखते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने प्रदेश के सभी जिलों में जिला परिवहन अधिकारी के पद खत्म करते हुए सारी शक्तियां सब-डिवीजन स्तर पर एस.डी.एम. को सौंप दी थी, जिसको लेकर शुरू-शुरू में पूरे सिस्टम संबंधी लोकल स्तर पर जानकारी न होने के कारण लोगों को भारी मुश्किलें भी आई थीं लेकिन अब एस.डी.एम. स्तर पर परिवहन विभाग का काम पटरी पर आना शुरू हो गया है। 

हैवी ट्रकों से संबंधी सभी काम कर दिए गए थे आर.टी.ए. को ट्रांसफर 
प्रदेश में डी.टी.ओ. का पद खत्म करते ही सरकार ने हैवी ट्रकों व वाहनों की लाइसैंसिंग, पासिंग, रजिस्ट्रेशन तथा परमिट को जारी करने का अधिकार में तैनात आर.टी.ए. रैंक के अधिकारियों को शिफ्ट कर दिए थे पर इन आदेशों में सबसे बड़ी दिक्कत तो यह है कि प्रदेश में आर.टी.ए. के पद जहां बड़े शहरों में हैं वहीं एक आर.टी.ए. के अधीन 2 से 3 जिले  हैं, जिसके कारण हालात तो ये हो गए हैं कि गत 4-5 महीनों से कपूरथला जिले में काम कर रहे सैंकड़ों ट्रक मालिकों व आप्रेटरों को अपने कामों संबंधी आर.टी.ए. जालंधर के कार्यालय में जाना पड़ रहा है।

जालंधर के आर.टी.ए. कार्यालय में फिलहाल जिला कपूरथला से संबंधित हैवी ट्रक संबंधी सिस्टम अपलोड न होने के कारण सैकड़ों की संख्या में लाइसैंस के रिन्यू, परमिट, पासिंग तथा नए हैवी ट्रकों के रजिस्ट्रेशन का काम पूरी तरह से बंद पड़ा है, जिसके कारण ट्रांसपोर्टों को लाइसैंस रिन्यू न होने के बावजूद भी अपने चालकों को काम के लिए दूसरे शहरों में भेजना पड़ रहा है, जिससे जहां ट्रक मालिकों को मोटे चालान होने का डर बना रहता है, वहीं सरकारी खजाने को भी भारी नुक्सान हो रहा है, लेकिन इसके बावजूद भी फिलहाल इस मुसीबत का कोई हल नहीं निकल पा रहा है। 

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