बिना सैनिकों के कैसे जंग लड़ेगा स्वास्थ्य विभाग!

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Sep, 2017 11:40 AM

health department

प्रदेश सरकार तथा स्वास्थ्य विभाग ने 2021 तक राज्य को मलेरिया, डेंगू, टी.बी. तथा चिकनगुनिया आदि बीमारियों को खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया है

रूपनगर (विजय): प्रदेश सरकार तथा स्वास्थ्य विभाग ने 2021 तक राज्य को मलेरिया, डेंगू, टी.बी. तथा चिकनगुनिया आदि बीमारियों को खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया है पर राज्य के अस्पतालों तथा डिस्पैंसरियों में इन रोगों के मरीजों की भरमार है तथा हैल्थ वर्करों की कमी के चलते स्वास्थ्य विभाग बिना सैनिकों के जंग लडऩे जैसा प्रयत्न कर रहा है। राज्य के 1024 मल्टीपर्पज हैल्थ वर्करों की भर्ती पर हाईकोर्ट द्वारा स्टे लगाए जाने के बीच प्रदेश सरकार अपने मिशन में कैसे सफल होगी। जो लोग रोजाना उपरोक्त बीमारियों का शिकार होकर स्वास्थ्य केंद्र में किस्मत के सहारे पड़े हैं उनका सहारा कौन बनेगा। प्रदेश भर में रिक्त मैडीकल स्टाफ के 50 प्रतिशत पदों को कब व कौन भरेगा। स्वास्थ्य मंत्री की हिदायतें अमली रूप में धारण क्यों नहीं की जा रहीं। इन सभी सवालों के घेरे में घिरा स्वास्थ्य विभाग आज खानापूर्ति नीति को प्राथमिकता दे रहा है। 

क्या है सरकार की मलेरिया मुक्त प्रोपोजल-2021
सरकार द्वारा 2017 से लेकर 2021 तक राज्य को मलेरिया मुक्त करने की प्रोपोजल तैयार की गई है जिसके तहत स्वास्थ्य विभाग ने साल दर साल राज्य को 5 चरणों में विभाजित किया है। इसके तहत 2017 में जिला फतेहगढ़ साहिब, कपूरथला, पठानकोट, रूपनगर व नवांशहर, 2018 में बरनाला, फाजिल्का, फिरोजपुर, गुरदासपुर, जालंधर, संगरूर, मोगा तथा श्री मुक्तसर, 2019 में तरनतारन, फरीदकोट, होशियारपुर, पटियाला, 2020 में अमृतसर तथा लुधियाना तथा 2021 में मोहाली, भटिंडा तथा मानसा जिलों में प्रक्रिया को अंजाम देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 


यह है बीमारी से जूझ रहे लोगों की त्रासदी का सच 
पंजाब में अब तक डेंगू तथा मलेरिया के 700 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं। प्रदेश सरकार के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016 में 3100 डेंगू के पॉजीटिव केस सामने आए थे तथा 28 लोगों की जान डेंगू की भेंट चढ़ गई थी जबकि 2015 के दौरान प्रदेश भर में 14,149 डेंगू पॉजीटिव केस प्राप्त हुए जिनमें कुछ लोगों की मौतें हो गई थीं। डेंगू तथा मलेरिया के मरीज शहरों से देहाती क्षेत्र में अधिक हैं। जिला स्तर के 2016 के सरकारी आंकड़ों के अनुसार मोहाली में 109, अमृतसर में 51, बरनाला में 10, बङ्क्षठडा में 90, फरीदकोट में 38, फिरोजपुर में 17, गुरदासपुर में 12, होशियारपुर में 43, जालंधर में 22, कपूरथला तथा लुधियाना में 83, मानसा में 81, मोगा में 17, पटियाला में 44, रूपनगर में 4, संगरूर में 15, श्री मुक्तसर में 16 तथा तरनतारन में 27 केस सामने आए हैं। 


 

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