Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Sep, 2017 09:56 AM
शिरोमणि अकाली दल के सांसद प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा द्वारा पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल पर लंगर के जी.एस.टी. मुद्दे को लेकर उठाई गई उंगली पर पंजाब कांग्रेस के प्रवक्ता डा. नवजोत सिंह दहिया ने कहा कि यह प्रो. चंदूमाजरा की बीमार मानसिकता व...
जालंधर (महेश) : शिरोमणि अकाली दल के सांसद प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा द्वारा पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल पर लंगर के जी.एस.टी. मुद्दे को लेकर उठाई गई उंगली पर पंजाब कांग्रेस के प्रवक्ता डा. नवजोत सिंह दहिया ने कहा कि यह प्रो. चंदूमाजरा की बीमार मानसिकता व निरोल ड्रामेबाजी है।
उन्होंने कहा कि प्रो. चंदूमाजरा का यह कहना कि मनप्रीत सिंह बादल ने कभी भी सिखों के लिए लड़ाई नहीं लड़ी है, सरासर झूठ है। उन्होंने आरोप लगाया कि एन.डी.ए. के पास पंजाब के हितों को बेचने वाले शिरोमणि अकाली दल के प्रधान व पूर्व डिप्टी सी.एम. सुखबीर सिंह बादल ने सिर्फ और सिर्फ अपनी कुर्सी की खातिर ही एन.डी.ए. से समझौता किया हुआ है। उन्होंने कहा कि अगर सिखों के मसलों व लंगर पर जी.एस.टी. लगने को लेकर शिरोमणि अकाली दल इतना ही गम्भीर है तो फिर सुखबीर सिंह बादल को एन.डी.ए. से अपना समर्थन वापिस ले लेना चाहिए और उनकी पत्नी हरसिमरत कौर बादल को केन्द्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सचखंड श्री दरबार साहिब समेत सभी गुरु घरों में बरताए जाते लंगरों पर पिछले साढ़े तीन सौ सालों से किसी ने भी इस तरह का कोई टैक्स नहीं लगाया है।
डा. दहिया ने कहा कि केन्द्र द्वारा पंजाब के नजदीकी राज्यों में टैक्स की दी गई छूट भी पंजाबियों के पीठ में छुरा घोंपने वाली बात है। उन्होंने कहा कि पिछली जी.एस.टी. कौंसिल की हुई बैठक में वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल द्वारा लंगर के जी.एस.टी. मुद्दे को गम्भीरता से उठाया गया था जिस पर केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली ने यह कह दिया कि पिछली अकाली-भाजपा सरकार द्वारा भी धान व गेहंू पर परचेज टैक्स लगाया जाता रहा है इसलिए यह टैक्स किसी भी कीमत पर माफ नहीं किया जाएगा। केन्द्रीय वित्त मंत्री का ऐसा कहना ङ्क्षनदनीय है जिस पर केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल भी कुछ नहीं बोलीं। पंजाब कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि एस.वाई.एल. मुद्दे पर भी शिरोमणि अकाली दल पंजाब की जनता को गुमराह करता आ रहा है। सुखबीर सिंह बादल ने कभी भी एन.डी.ए. सरकार व सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष अच्छी तरह से पेश नहीं किया।