Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Sep, 2017 02:16 PM
पंजाब सरकार शिक्षा का स्तर ऊंची उठाने के बड़े-बड़े दावे कर रही है,लेकिन जमीनी सच्चाई कुछ अौर ही है।
गुरदासपुरःपंजाब सरकार शिक्षा का स्तर ऊंची उठाने के बड़े-बड़े दावे कर रही है,लेकिन जमीनी सच्चाई कुछ अौर ही है। शिक्षा मंत्री अरुणा चौधरी के जिले में ही कई स्कूल मंदिरों में चल रहे हैं। जब इन मंदिरों में कोई अायोजन हो तो बच्चों को कई-कई दिन की छुट्टी कर दी जाती है। सरकार रिकॉर्ड में जिले में 3 स्कूल बिना इमारतों के हैं,लेकिन असल में इनकी संख्या 25 से ज्यादा हैं। कुछ की इमारतें काफी खंडहर हो चुकी हैं अौर कुछ सिर्फ कागजों में ही बनी हुई हैं। अस्थायी स्कूलों का हाल एेसा है कि वहीं ब्लैक बोर्ड तक नहीं हैं।
सर्दियों में भी बच्चों का टाट पर बैठकर पढ़ना पढ़ता है। इन स्कूलों में बच्चों की संख्या 20 से 30 तक है। दो-तीन स्कूलों की कक्षाएं एक ही जगह लगाईं जाती हैं,जिससे पढ़ाई में बाधा पहुंचती हैं।
जब इस संबंधी शिक्षा मंत्री से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा सरकार की अोर से स्कूलों के सुधार के लिए 20 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं। पंजाब में अब कोई भी स्कूल एेसा नहीं रहेगा,जिसके पास अपनी इमारत न हो। साथ ही शिक्षा सुधारों के लिए अन्य कई योजनाएं लागू की जा रही हैं।
स्टाफ की कमी से जूझ रहा है धारकलां का सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल
धारकलां का सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल स्टाफ की कमी से बुरी तरह जूझ रहा है जिससे स्कूली बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। आलम यह है कि स्कूली बच्चों के पूरे पीरियड भी नहीं लग पा रहे हैं। आट्स, साइंस, कॉमर्स व वोकेशनल ग्रुपों में विशेषज्ञ अध्यापकों के पर्याप्त स्टाफ की कमी पिछले लम्बे समय से बनी हुई है।
उल्लेखनीय है कि इस स्कूल में पढऩे वाले विद्याॢथयों की संख्या साढ़े 400 से ऊपर है, बावजूद इसके स्कूल में कई पोस्टें लम्बे समय से रिक्त पड़ी हुई हैं, जिन्हें अब तक भरा नहीं जा सका है।
पदों व तैनाती में भारी अंतर
कुल |
तैनात |
खाली पद |
12 लैक्चरार |
8 |
4 |
10 वोकेशनल |
2 |
8 |
10 मास्टर कैडर |
8 |
2 |
2 सी.एन.वी. |
1 |
1 |
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि इस स्कूल में पढऩे वाले विद्याॢथयों की पढ़ाई कितने बड़े पैमाने पर प्रभावित हो रही होगी। इससे अभिभावकों में भी रोष है। अभिभावकों ने मांग की कि स्कूल के स्टाफ की कमी को तुरंत दूर किया जाए।