Edited By Updated: 26 Mar, 2017 01:53 PM
गुरदासपुर केंद्रीय जेल में कैदी तथा जेल में तैनात पुलिस मुलाजिमों के बीच हुई झड़प का मामला शनिवार को 20 घंटे के चले आप्रेशन के बाद शांत हो गया है।
गुरदासपुर(दीपक, विनोद): गुरदासपुर केंद्रीय जेल में कैदी तथा जेल में तैनात पुलिस मुलाजिमों के बीच हुई झड़प का मामला शनिवार को 20 घंटे के चले आप्रेशन के बाद शांत हो गया है। इस बवाल में 2 पुलिस मुलाजिम घायल हो गए। शुक्रवार देर शाम दोबारा बवाल होने पर कैदी जेल की रसोई से सिलेंडर उठाकर ले गए थे। उन्होंने सिलेंडरों को आग लगा देने की धमकी थी। ऐसे में यदि गैंगस्टर सिलेंडर को आग लगा देते तो जेल तो उड़ती ही साथ में 1300 से ज्यादा कैदियों की जान भी चली जाती।
भागने की फिराक में थे कैदी गैंगस्टर
जेल सुपरिंटैंडैंट दिलबाग सिंह ने बताया कि घटना का मुख्य उद्देश्य कैदी गैंगस्टरों द्वारा पुलिस को उलझाकर दीवार फांदकर भागना था। कैदी जगतार सिंह जग्गा तथा गुरप्रीत सिंह गोपी बैरक नं.-4 में बंद थे। वे मुलाजिमों महेश लाल तथा महिंद्र मसीह को बार-बार बैरक से बाहर निकालने के लिए कहते थे। बैरक में कैदियों की अदला-बदली करते समय गैंगस्टर मुलाजिम महेश लाल को उठाकर बैरक में ले गए तथा उस पर हमला कर दिया। बचाव में महिंद्र मसीह पहुंचा तो उसपर भी हमला कर दिया। इसके बाद बड़ी संख्या में इकट्ठे हुए कैदियों ने ईंटों से मुलाजिमों पर हमला कर दिया।
कैदियों से मिलने को परिजनों की लगी भीड़
केंद्रीय जेल में कैदी गैंगस्टरों तथा जेल कर्मियों में हुई झड़प की खबर इलाके में आग की तरह फैल गई। इसके चलते कैदियों के परिजन चिंता में पड़ गए हैं, क्योंकि गत रात पुलिस द्वारा कैदियों के टकराव को रोकने के लिए हवाई फायर कई घंटे किए गए तथा आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए थे, जिस कारण कैदियों के परिजनों में चिंता देखी गई व केंद्रीय जेल में पूरा दिन उनसे मिलने के लिए भीड़ लगी रही। वहीं जेल प्रशासन ने 18 कैदियों को विभिन्न जेलों में शिफ्ट कर दिया है।
सामने आई कई खामियां
*जैमर के बावजूद कैदी फोन पर लोगों से करते हैं बात।
*जेल में मोबाइल कैसे पहुंचे।
*पुलिस मुलाजिमों पर हमले में ईंटें कहां से आईं।
*जेल में पड़ी वाटर सप्लाई की पाइपें कैसे कैदियों ने तोड़ दीं। क्या वे हलके मैटीरियल युक्त थीं?
आर्मी बुलाने के सवाल पर जवाब नहीं
दूसरी तरफ रात करीब 12 बजे स्वैट टीम और एक बजे के करीब आर्मी बुलाने के संबंध में जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों का पक्ष लेने चाहा तो सवाल का जवाब देने के लिए एक दूसरे से बात करने को कहते रहे अधिकारी। वहीं एक बड़ी अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि गैंगस्टरों के सिलेंडर ब्लास्ट करने की धमकी थी।