Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Oct, 2017 09:24 AM
गुरदासपुर लोकसभा उपचुनाव में भाजपा के खराब प्रदर्शन से हाईकमान काफी नाराज है। इस 1.93 लाख से अधिक मतों की हार के बाद हाईकमान ने प्रदेश भाजपा से रिपोर्ट मांगी है जिसमें रिपोर्ट तैयार करने के लिए जो आदार बनाया गया है उसमें पार्टी फूले नहीं समाएगी।
जालंधर (पाहवा): गुरदासपुर लोकसभा उपचुनाव में भाजपा के खराब प्रदर्शन से हाईकमान काफी नाराज है। इस 1.93 लाख से अधिक मतों की हार के बाद हाईकमान ने प्रदेश भाजपा से रिपोर्ट मांगी है जिसमें रिपोर्ट तैयार करने के लिए जो आदार बनाया गया है उसमें पार्टी फूले नहीं समाएगी।
बेशक भाजपा हार गई हो लेकिन विधानसभा चुनावों के मुकाबले भाजपा का प्रदर्शन कुछ क्षेत्रों में काफी बेहतर रहा। जिसकी कहानी आंकड़े बयां कर रहे हैं तथा इसी कहानी को हाईकामन के पास भेजा जा रहा है। गुरदासपुर उपचुनाव में भाजपा की हार के पीछे जी.एस.टी. और नोटबंदी को कारण बताया जा रहा है,लेकिन उपचुनाव में सुजानपुर को छोड़कर भाजपा का तीन हलकों में विधानसभा चुनाव के मुकाबले वोट शेयर बढ़ा है। गुरदासपुर लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाले 9 में से 4 विधानसभा हलकों पर भाजपा और 5 पर अकाली दल ने विधानसभा चुनाव लड़ा था।
इन चारों सीटों में सुजानपुर सीट को छोड़ दिया जाए तो अन्य सीटों पर भाजपा का वोट शेयर विधानसभा के मुकाबले बढ़ा है, जबकि अकाली दल के पांचों ही हलकों में भाजपा प्रत्याशी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। विधानसभा चुनावों के मुकाबले अकाली दल को इस चुमनाव में अधिक नुक्सान हुआ है। बोहा विधानसभा सीट पर भाजपा का वोट शेयर 12 प्रतिशत बढ़ा है। फरवरी में हुए विधानसभा चुनावों के मुकाबले यहां पर भाजपा को 43.7 प्रतिशथ वोट मिले जबकि विधानसभा चुनावों में सीमा देवी को 30.9 प्रतिशत वोट मिले थे। कांग्रेस का यहां वोट शेयर 51 प्रतिशत ही रहा। इसी प्रकार दीनानगर में विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा को मिले वोट का शेयर 31.5 प्रतिशत था जो अब लोकसभा उपचुनाव में बढ़ कर 41.1 प्रतिशत हो गया है। कांग्रेस को यहां पर करीब 4 प्रतिशत वोट शेयर का नुक्सान हुआ है।
सुजानपुर में भाजपा के विधायक दिनेश बब्बू विधानसभा चुनाव में 18,701 वोटों से जीते थे, जबकि लोकसभा उपचुनाव में उनके हलके से 6,801 वोट कम हो गए। कांग्रेस को यहां विधानसभा चुनावों में 24 प्रतिशत वोट शेयर मिला था जो अब बढ़ कर 50 प्रतिशत तक पहुंच गया है। इसी प्रकार पठानकोट में कांग्रेस को वोट शेयर दो प्रतिशत बढ़ कर 53 प्रतिशत तथा भाजपा को वोट शेयर 41 प्रतिशत रहा। इस वोट की लड़ाई में सबसे अधिक नुक्सान डेरा बाबा नानक में अकाली दल को हुआ है। यहां पर सुच्चा सिंह लंगाह विधायक था तथा इस सीट पर भाजपा 44000 वोट से हारी।