Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Oct, 2017 08:55 AM
गुरदासपुर उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार सुनील जाखड़ की बड़ी जीत प्रदेश की राजनीति व पार्टी की अंदरूनी राजनीति के लिए कई मायने रखती है। एक तरफ कांग्रेस की बड़ी जीत प्रदेश में अकाली-भाजपा के दोबारा उभरते स्वरूप को खत्म करने का काम करेगी तो दूसरी तरफ...
जालंधर (रविंदर शर्मा): गुरदासपुर उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार सुनील जाखड़ की बड़ी जीत प्रदेश की राजनीति व पार्टी की अंदरूनी राजनीति के लिए कई मायने रखती है। एक तरफ कांग्रेस की बड़ी जीत प्रदेश में अकाली-भाजपा के दोबारा उभरते स्वरूप को खत्म करने का काम करेगी तो दूसरी तरफ जिस तरह से मालवा से आकर जाखड़ ने माझा में बड़ी जीत प्राप्त की, उससे माझा व मालवा लॉबी के बीच चल रही लड़ाई भी कमजोर होगी।
कैप्टन ने बाजवा को प्रधानगी से हटाकर खेला था बड़ा खेल
जाखड़ ने जिस तरह से माझा में सरदारी कायम की है, उससे प्रताप सिंह बाजवा की माझा में कायम सरदारी पर काफी असर पड़ेगा। प्रदेश में कांग्रेस राजनीति की बात करें तो कैप्टन व बाजवा लॉबी में लंबे समय से छत्तीस का आंकड़ा रहा है। बाजवा एक समय में माझा लॉबी पर अपना अच्छा-खासा प्रभाव रखते थे मगर कैप्टन ने कुछ समय पहले ही बाजवा को राजनीतिक पटखनी देने का खेल शुरू कर दिया था। सबसे पहले कैप्टन ने बाजवा को प्रदेश प्रधानगी से हटाकर बड़ा खेल खेला था। इसके बाद राज्यसभा में भेज कर बाजवा को प्रदेश का राजनीति से दूर कर दिया था। अब तीसरी बार कैप्टन ने अपनी लॉबी के खासमखास सुनील जाखड़ को मालवा से लेकर माझा की राजनीति में उतार कर सीधे तौर पर बाजवा की बची-खुची राजनीति को चुनौती देने का काम किया था।
यह जीत आने वाले समय में कैप्टन को देगी बड़ी आक्सीजन
प्रारंभिक दौर में लगा था कि बाजवा अगर विरोध करते हैं तो जाखड़ के लिए जीतना आसान नहीं होगा मगर जाखड़ की साफ छवि व कैप्टन लॉबी की चुनावी कैंपेन ने बाजवा लॉबी को चारों खाने चित्त कर दिया। कैप्टन लॉबी यह लड़ाई दो-दो फ्रंट पर लड़ रही थी। एक सीधे विरोधी प्रत्याशी से तो दूसरे पार्टी के अंदर ही जाखड़ को प्रत्याशी घोषित करने का विरोध करने वाली लॉबी से। कैप्टन लॉबी ने दोनों फ्रंट पर जीत प्राप्त कर खुद को दोबारा मजबूती से स्थापित किया है। जाखड़ की बड़ी जीत कहीं न कहीं अब माझा में नई राजनीति की किरण के तौर पर स्थापित होगी। गुरदासपुर उपचुनाव की जीत आने वाले समय में कैप्टन को बड़ी आक्सीजन देगी और साथ ही आने वाले नगर निगम चुनावों में जीत का रास्ता तय करेगी। इस जीत से कांग्रेसी वर्करों में उत्साह बढ़ेगा और प्रदेश भर में बिगड़ी अर्थव्यवस्था से जो कैप्टन सरकार का विरोध हो रहा था, वह कुछ थमता नजर आएगा। कांग्रेसी वर्करों का यही जोश नगर निगम चुनावों में पार्टी की जीत का रास्ता साफ करेगा।