Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Sep, 2017 01:29 PM
1998 से गुरदासपुर के 4 बार सांसद रहे विनोद खन्ना तो अब नहीं रहे लेकिन उनके सियाली रोड स्थित घर में अभी भी उनके अधूरे प्रोजैक्टों को पूरा करने की उनकी कोशिशों संबंधी खबरों की कटिंग फ्रेम में टंगी हुई हैं।
पठानकोटः 1998 से गुरदासपुर के 4 बार सांसद रहे विनोद खन्ना तो अब नहीं रहे लेकिन उनके सियाली रोड स्थित घर में अभी भी उनके अधूरे प्रोजैक्टों को पूरा करने की उनकी कोशिशों संबंधी खबरों की कटिंग फ्रेम में टंगी हुई हैं।
खन्ना की कोठी पर चहल-पहल तभी होती है जब भाजपा का कोई लीडर उनके घर पत्नी कविता को चुनावीं कैंपेन में शामिल होने के लिए राजी करने आता है। हालांकि बुधवार को वे मुंबई चली गईं। कुछ दिन पहले कांग्रेस कैंडिडेट सुनील जाखड़ ने अचानक कविता के घर पहुंचकर सबको चौंका दिया था।
भाजपा नेता तथा अकाली प्रधान सुखबीर बादल भी कह रहे हैं कि बीजेपी कैंडिडेट स्वर्ण सलारिया को जिताना ही विनोद खन्ना को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। विनोद खन्ना का नाम दोनों पार्टियां रट रही हैं लेकिन उनके उन कामों को कोई दल मुद्दा नहीं बना रहा है जिनके लिए एक सांसद के रूप में वह काम कर रहे थे और अधूरे रह गए।
सीनियर आई सर्जन डाॅ. केडी सिंह कहते हैं कि सभी सिंपथी का फायदा चाहते हैं। जब विनोद खन्ना जिंदा थे तब लोग उनकी फोटो तक नहीं लगाते थे अब सभी स्टेज पर उनके चित्र को फूल चढ़ाए जा रहे हैं। उनके साथ कई सालों तक काम कर चुके पवन कुमार कहते हैं कि विनोद खन्ना पठानकोट नैरोगेज को एलीवेटेड ट्रैक बनवाने की कोशिश कर रहे थे। कादियां-ब्यास रेल लाइन तथा धारीवाल मिल चलाने के लिए केंद्रीय मंत्रियों से बात कर रहे थे, लेकिन इन चुनावों में कोई भी इनकी चर्चा तक नहीं कर रहा। वहीं स्वर्ण सलारिया, भाजपा कैंडीडेट का कहना है कि विनोद खन्ना ने गुरदासपुर के लिए बड़े काम किए हैं। भाजपा के रूप में उनके कामों को आगे बढ़ाना हमारा कर्तव्य है। कांग्रेस कैंडिडेट तो केवल घड़ियाली आंसू बहाने उनके घर गए थे।
1. पठानकोट सिविल एयरपोर्ट का निर्माण खन्ना के मंत्री रहते हुआ था जहां से फ्लाईट 2011 से बंद हैं। 2014 के चुनाव में भी खन्ना ने फ्लाईट शुरू कराने का वायदा किया था। अभी तक शुरू नहीं हो सकी।
2. धारीवाल वूलेन मिल फिर से शुरू कराने को खन्ना ने लगातार कोशिशें कीं। पत्नी कविता ने भी मंत्री स्मृति ईरानी से कई बार मिलकर मामला नीति आयोग में डलवाया है।
3. पठानकोट में ट्रैफिक समस्या की मुख्य वजह शहर के बीचो बीच नैरोगेज रेलवे लाईन को एलीवेटेड करने के लिए खन्ना रेलमंत्री सुरेश प्रभु से कई बार मिले। 3 बार रेलवे के जीएम और डीआरएम को बुलाया। मौत के 3 महीने पहले भी अधिकारियों को बुलाया था।
4. कादियां-ब्यास रेल लाईन का सर्वे तक हुआ पर कुछ कारणों से अभी तक रेल लाईन बनने की दिशा में काम आगे नहीं चला
5. पठानकोट के सियाली रोड पर स्पोर्ट्स कांप्लेक्स कम इनडोर स्टेडियम बनाने को उन्होंने 10 करोड़ रुपए तक का इंतजाम करने का वायदा किया था। इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने उनकी मौत के 4 महीने पहले इसका प्रपोजल भी तैयार कर लिया था। इसके अलावा कैंट स्टेशन को नेशनल हाइवे-44 से सीधे जोड़ने का आदेश भी करा लिया था।