Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Sep, 2017 02:57 PM
गुरदासपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव में पत्नी चरणजीत कौर बाजवा के लिए टिकट पाने में नाकाम रहे राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा अब उन्हें चेयरपर्सन बनवाने के लिए जाेर लगा रहे हैं।
चंडीगढ़ः गुरदासपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव में पत्नी चरणजीत कौर बाजवा के लिए टिकट पाने में नाकाम रहे राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा अब उन्हें चेयरपर्सन बनवाने के लिए जाेर लगा रहे हैं। इसके लिए वह दबाव बनाने की रणनीति अपना रहे हैं। मौके की नजाकत को देखते हुए बाजवा ने कांग्रेस प्रत्याशी सुनील जाखड़ के प्रचार अभियान से दूरी बनाने की रणनीति बनाई है। दूसरी ओर बताया जाता है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह इसके लिए तैयार नहीं हैं।
जाखड़ के नामांकन के दौरान भी बाजवा नहीं गए। वह इसके द्वारा साफ संकेत देना चाहते हैं ताकि उनकी मांग को मुख्यमंत्री गंभीरता से लें। कांग्रेस के लिए गुरदासपुर उपचुनाव जहां प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है। वहीं, राज्यसभा सदस्य व पंजाब कांग्र्रेस के पूर्व प्रधान प्रताप सिंह बाजवा ने कांग्रेस के लिए नई पेचीदगियां खड़ी कर दी हैं। बाजवा अपनी पत्नी को लोकसभा का टिकट दिलवाने में नाकामयाब रहे, जिसके बाद अब वह पत्नी को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड चेयरपर्सन बनवाना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री कैप्टन सिंह ने इस बारे में अभी तक बाजवा से कोई वादा नहीं किया है। मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों के अनुसार, कैप्टन इस तरह के मोलभाव को सही नहीं मान रहे हैं। बाजवा राज्यसभा सदस्य हैं और उनका भाई विधायक। ऐसे में अगर चरणजीत कौर बाजवा को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का चेयरपर्सन बनाया जाता है, तो पार्टी में गलत संदेश जाएगा। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री अगर कोई आश्वासन नहीं देते हैं, तो बाजवा पूरे गुरदासपुर उपचुनाव के दौरान दूरी बनाए रख सकते हैं।