Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Sep, 2017 11:06 AM
भारतीय जनता पार्टी की तरफ से गुरदासपुर लोकसभा सीट से स्वर्ण सलारिया को टिकट के ऐलान से भाजपा के खेमे में काफी हद तक राहत पाई जा रही है।
जालंधर (पाहवा): भारतीय जनता पार्टी की तरफ से गुरदासपुर लोकसभा सीट से स्वर्ण सलारिया को टिकट के ऐलान से भाजपा के खेमे में काफी हद तक राहत पाई जा रही है। सलारिया को आज टिकट की घोषणा के बाद यह बात भी साफ हो गई है कि भाजपा अब परिवारवाद की बजाय सीट जीतने को अधिक तरजीह दे रही है। स्वर्ण सलारिया को भाजपा में टिकट का मजबूत दावेदार इसलिए माना जा रहा था क्योंकि सलारिया की संघ से लेकर शिरोमणि अकाली दल तथा भाजपा खेमे में अच्छी पकड़ है।
पिछली बार लोकसभा चुनाव दौरान स्वर्ण सलारिया ने टिकट पर दावा जताया था लेकिन पार्टी ने इस वायदे के साथ विनोद खन्ना को टिकट दी थी कि अगली बार सलारिया को टिकट दी जाएगी। अचानक खन्ना की मौत के बाद यह सीट खाली हो गई, जिस पर अब अगले माह चुनाव होना है। जानकारी अनुसार सलारिया की शिरोमणि अकाली दल में अच्छी पैठ है। खासकर गुरदासपुर के आसपास के क्षेत्रों में अकाली दल के नेताओं के साथ सलारिया की अच्छी पटती है। जानकारी अनुसार सलारिया राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के भी काफी करीबी हैं। प्रांत से लेकर नागपुर तक सलारिया की अच्छी पैठ है। सलारिया को टिकट दिए जाने में भी इस पैठ ने बेहतर भूमिका निभाई। यही नहीं, गुरदासपुर के साथ लगती विधानसभा सीटों पर भी सलारिया ने काफी काम किया है, खासकर गुरदासपुर क्षेत्र के युवाओं को सलारिया ने नौकरियां भी मुहैया करवाई हैं जिसके कारण वह क्षेत्र में एक जाना-पहचाना नाम हैं।
जानकारी मिली है कि सलारिया के नाम की घोषणा से पहले कविता खन्ना का नाम चल रहा था, लेकिन कांग्रेस तथा आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार भाजपा की तरफ से संभावित महिला उम्मीदवार होने के कारण अपनी जीत का दावा कर रहा थे। सलारिया के मैदान में आने से गुरदासपुर लोकसभा सीट पर मुकाबला सख्त हो गया है। कविता खन्ना को बाहरी उम्मीदवार होने का नुक्सान होने की संभावना जताई जा रही थी लेकिन सलारिया के स्थानीय उम्मीदवार होने से भाजपा की राह आसान हो गई है। गुरदासपुर लोकसभा सीट तहत आते पठानकोट, दीनानगर, कादियां, सुजानपुर व भोआ में पिछले लोकसभा चुनावों दौरान सलारिया ने काफी काम किया है। हाल ही में पंजाब में हुए विधानसभा चुनाव में भी सलारिया ने उक्त सीटों पर काफी काम किया था।