Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Sep, 2017 12:50 PM
प्रथम नवरात्र के बाद जहां रामलीला मंचन का दौर अगले 9 दिनों तक के लिए शुरू हो जाएगा वहीं गुरदासपुर सीट के लिए उपचुनाव के रूप में
पठानकोट(शारदा): प्रथम नवरात्र के बाद जहां रामलीला मंचन का दौर अगले 9 दिनों तक के लिए शुरू हो जाएगा वहीं गुरदासपुर सीट के लिए उपचुनाव के रूप में राजनीतिक द्वंद्व का आभास भी सड़कों पर होना शुरू हो जाएगा। कांग्रेस के घोषित प्रत्याशी सुनील जाखड़ द्वारा 22 सितम्बर को नामांकन पत्र दाखिल करने के समय सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के 77 विधायक संसदीय क्षेत्र में पहुंचेंगे तथा संसदीय क्षेत्रों के सभी 9 हलकों से भी वर्करों व नेताओं का बड़ा जमावड़ा लगने वाला है। इस तरह कांग्रेस शक्ति प्रदर्शन के मूड में है।
राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी एक बड़ा शक्ति प्रदर्शन करके अपने विरोधियों के साथ राजनीतिक लड़ाई लडऩे के मूड में है। उपचुनाव में हैवीवेट कैंडीडेट सुनील जाखड़ के समर में उतरने से कांग्रेसियों के चेहरे खिल उठे हैं। विधायकों को उम्मीद है कि इन हालातों में गुटबंदी की गुंजाइश नगन्य है और जो भी गुटबंदी को हवा देगा उसका पार्टी में टिकना अब संभव नहीं रहेगा अन्यथा पार्टी में स्थानीय स्तर पर बहुत अधिक खींचतान होनी थी। कांग्रेस की तर्ज पर भाजपा भी अपना हैवीवेट प्रत्याशी जो कि हिन्दू होगा, को उतारने की कोशिश करेगी। तात्पर्य यह है कि पठानकोट, सुजानपुर, भोआ, दीनानगर व बटाला में हिन्दू कम्युनिटी के लिए यह उपचुनाव दुविधापूर्ण होगा कि वह किसे वोट दे और किसे न दे।
इसी प्रकार क्रिश्चियन, दलित समुदाय व अन्य पिछड़े वर्गों के मतदाता भी सत्तासीन पार्टी के प्रति अपना रुख नर्म रख सकते हैं। अकाली-भाजपा गठबंधन अभी तक चुनाव आयोग के चक्कर ही काट रहा है और गठबंधन के वर्करों व नेताओं में उपचुनाव को लेकर घबराहट साफ देखी जा सकती है। उपचुनाव के लिए गठबंधन को पहले दिन से ही कूद जाना चाहिए था परन्तु जब गठबंधन के पास दूल्हा (प्रत्याशी) ही नहीं था तो बारात में बारातियों का क्या औचित्य रह जाता। सबसे विचित्र व विकट स्थिति प्रदेश भाजपा प्रभारी प्रभात झा की है जो पार्टी वर्करों को कहते फिर रहे थे कि चुनाव की घोषणा होते ही प्रत्याशी घोषित कर दिया जाएगा। ऐसे में कब भाजपा अपना प्रत्याशीघोषित करेगी तथा कब चुनाव की बागडोर पार्टी नेतृत्व संभालेगा इसको लेकर वर्करों में ऊहापोह की स्थिति है।