40 वर्ष बाद गुरदासपुर के रण में कांग्रेस ने उतारा हिंदू चेहरा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Sep, 2017 12:46 PM

gurdaspur byelection

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ को गुरदासपुर लोकसभा हलके के उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशी बनाए

चंडीगढ़(हरिश्चंद्र): कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ को गुरदासपुर लोकसभा हलके के उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशी बनाए जाने पर बुधवार को मोहर लगा दी। हालांकि फाजिल्का जिले से ताल्लुक रखने वाले जाखड़ गुरदासपुर के लिए बाहरी हैं, मगर उनके हक में इस संसदीय हलके से जुड़े कई पार्टी विधायक व वरिष्ठ पार्टी नेता पैरवी कर रहे थे। 

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह भी चाहते थे कि सुनील जाखड़ को गुरदासपुर से टिकट दी जाए क्योंकि उनके भरोसेमंद साथियों में जाखड़ भी शुमार होते हैं। कांग्रेस ने 40 साल बाद किसी हिंदू चेहरे पर गुरदासपुर में दाव खेला है।साल 1971 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस टिकट पर प्रबोध चंद्र यहां से चुनाव जीते थे, मगर 1977 में वह हार गए। इसके बाद हुए 10 चुनाव में पार्टी ने सिख चेहरे को ही यहां तवज्जो दी है। 8 बार सुखबंस कौर भिंडर को कांग्रेस ने टिकट दी, जिसमें लगातार 5 बार वह चुनाव जीती थीं। इसके बाद प्रताप सिंह बाजवा एक बार जीते जबकि एक बार हारे हैं।


बाजवा परिवार को इसलिए नहीं मिली टिकट
पूर्व प्रदेश प्रधान व गुरदासपुर से पूर्व सांसद प्रताप सिंह बाजवा अपनी पत्नी चरणजीत कौर बाजवा के लिए टिकट की मांग कर रहे थे मगर अमरेंद्र-जाखड़ की जुगलबंदी बाजवा पर भारी पड़ी है। बाजवा को गत लोकसभा चुनाव में विनोद खन्ना के हाथों 1,36,000 वोट से मिली करारी शिकस्त भी उनके परिवार को टिकट देने में आड़े आई है। कांग्रेस हाईकमान जानती है कि गुरदासपुर और पठानकोट जिले के अधिकांश पार्टी विधायकों व वरिष्ठ नेताओं के साथ बाजवा की सही नहीं बैठती। ऐसे में इतनी वोटों के अंतर को कवर करना बाजवा परिवार के लिए बहुत मुश्किल रहता।

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