Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Oct, 2017 08:58 AM
गुरदासपुर लोकसभा उपचुनाव के नतीजे आते ही आम आदमी पार्टी की एक बार फिर से करारी हार सामने आई। अपनी जमानत जब्त कराने वाले ‘आप’ के उम्मीदवार सुरेश खजूरिया महज 23,579 वोट ही हासिल कर पाए। खजूरिया चुनावी नतीजे सामने आने से पहले ही मतगणना केंद्र से बाहर...
जालंधर(बुलंद): गुरदासपुर लोकसभा उपचुनाव के नतीजे आते ही आम आदमी पार्टी की एक बार फिर से करारी हार सामने आई। अपनी जमानत जब्त कराने वाले ‘आप’ के उम्मीदवार सुरेश खजूरिया महज 23,579 वोट ही हासिल कर पाए।
खजूरिया चुनावी नतीजे सामने आने से पहले ही मतगणना केंद्र से बाहर चले गए थे पर चुनावी नतीजे पूरी तरह सामने आने के बाद से ही पार्टी में यह चर्चा छिड़ गई कि विधानसभा चुनावों में सामने आए खराब नतीजों के लिए तो पार्टी के पंजाब के नेताओं ने दिल्ली वालों के सिर ठीकरा फोड़ा था कि उनकी योजनाबंदी और ऑब्जर्वेशन ठीक नहीं थी जिस कारण पार्टी पंजाब में सरकार नहीं बना सकी पर इस गुरदासपुर उपचुनाव में तो सारी जिम्मेवारी ही पंजाब इकाई और पंजाब के नेताओं की थी तो इस हार के लिए कौन जिम्मेवार होगा।इस बारे पहले तो हमने पार्टी के गुरदासपुर से उम्मीदवार रिटा. मे. ज. सुरेश खजूरिया से बात की तो उन्होंने कहा कि पार्टी ने अपनी ओर से पूरा जोर लगाया था पर अगर फिर भी उन्हें सीट हारनी पड़ी तो वे अपनी हार स्वीकार करते हैं पर इस हार की कौन जिम्मेवारी लेगा यह कहा नहीं जा सकता।
हार का कोई एक कारण बताने में भी खजूरिया विफल दिखे। उन्होंने कहा कि जल्द ही पार्टी की एक बैठक होगी जिसमें हार के कारणों पर चर्चा होगी फिर ही कुछ कहा जा सकेगा।पार्टी के सी. नेता और विस में विरोधी दल के नेता सुखपाल खैहरा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह अपनी पार्टी की हार स्वीकार करते हैं पर इसकी जिम्मेवारी वह अकेले नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि इस बारे पार्टी प्रधान भगवंत मान से बात की जाए। पंजाब का इतिहास गवाह है कि जब भी यहां किसी पार्टी की सरकार रही है और उपचुनाव हुए हैं तो शासित पार्टी की ही जीत हुई है। उन्होंने कहा कि अकाली दल की सरकार में हुए उपचुनावों में कांग्रेस हारी है और कांग्रेस सरकार के राज में हुए उपचुनावो में अकालियों की हार हुई। उन्होंने कहा कि अगर अकालियों की हार के लिए बादल ने या कांग्रेस की हार के लिए कैप्टन अमरेंद्र ने कभी जिम्मेवारी ली हो तो वह भी ‘आप’ की हार की जिम्मेवारी लेने को तैयार हैं।
खैहरा ने कहा कि जल्द ही पार्टी की मंथन बैठक होगी, तब हार के कारणों बारे चर्चा की जाएगी।देर शाम पार्टी के माझा जोन के ऑब्जर्वर चरनजीत चन्नी के इस्तीफे बारे उनसे बात की गई तो उन्होंने पार्टी में कुछ लोगों के एकाधिकार का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी में सारे फैसले कुछ सीमित लोग ही लेते हैं और किसी अन्य नेता की सलाह ही नहीं ली जाती जिस कारण लगातार पार्टी के जमीनी स्तर के वर्कर का कैडर टूटता जा रहा है। इसी कारण उन्होंने भी हार की जिम्मेवारी लेते हुए इस्तीफा दिया है। उधर सारे मामले बारे पार्टी के पंजाब प्रधान भगवंत मान से बात करनी चाही पर उन्होंने फोन ही नहीं उठाया।