Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Dec, 2017 10:47 AM
1972 के विधानसभा चुनावों में विजयी होकर सक्रिय राजनीति में दमदार कदम रखने वाले बलराम जाखड़ के सबसे छोटे बेटे सुनील जाखड़ ने आज लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ ग्रहण करके नया अध्याय शुरू किया। गुरदासपुर से उपचुनाव में विजयी होने वाले सुनील जाखड़ के...
अबोहर(भारद्वाज): 1972 के विधानसभा चुनावों में विजयी होकर सक्रिय राजनीति में दमदार कदम रखने वाले बलराम जाखड़ के सबसे छोटे बेटे सुनील जाखड़ ने आज लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ ग्रहण करके नया अध्याय शुरू किया। गुरदासपुर से उपचुनाव में विजयी होने वाले सुनील जाखड़ के पैतृक नगर अबोहर में आज इनके शपथ ग्रहण करने पर प्रसन्नता की अभिव्यक्ति करने वालों में सभी वर्गों के लोग शामिल थे।
चर्चा का विषय यह रहा कि इनके पिता बलराम जाखड़ ने 1972 से 1980 तक पंजाब विधानसभा के सदस्य रहने के बाद जनवरी 1980 में जब पहली बार फिरोजपुर क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा तो लगभग 2 लाख मतों के अंतर से विजयी हुए थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गांधी ने पहली बार सांसद चुने जाने के बावजूद इनकी योग्यता के आधार पर 22 जनवरी 1980 को लोकसभा अध्यक्ष के रूप में जाखड़ का नाम प्रस्तावित करते हुए कहा था कि एक धरती पुत्र को इस गरिमामय पद पर बिठाकर उन्हें हाॢदक हर्ष का अनुभव हो रहा है।
डाक्टरेट की मानद उपाधि से विभूषित उद्यान पंडित बलराम जाखड़ ने 1980 से 1989 तक लोकसभा अध्यक्ष पद पर कार्य करके भारत के संसदीय इतिहास में स्वर्णिम अध्याय जोड़ा था। पंजाब में आतंकवाद के चलते चुनाव न होने के कारण श्री जाखड़ ने 1984 में राजस्थान के सीकर क्षेत्र से संसदीय चुनाव लड़ा जो उनके पूर्वजों का पैतृक क्षेत्र रहा था। तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव के मंत्रिमंडल में जाखड़ को कृषि मंत्री के रूप में कार्य करने का अवसर 1991 में प्राप्त हुआ और वह 1996 तक लोकसभा के सदस्य रहकर अबोहर को विश्व के मानचित्र पर सम्मानीय स्थान दिलाते रहे।