Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Aug, 2017 12:45 AM
गुड्स व सर्विसिज टैक्स (जी.एस.टी.) कौंसिल ने सिख भाईचारे को बड़ा झटका देते हुए हरिमंदिर साहिब...
चंडीगढ़(परमीत,जोसन): गुड्स व सर्विसिज टैक्स (जी.एस.टी.) कौंसिल ने सिख भाईचारे को बड़ा झटका देते हुए हरिमंदिर साहिब व अन्य गुरुद्वारों में लंगर पर जी.एस.टी. से छूट देने संबंधी कोई फैसला नहीं किया है। शनिवार को खत्म हुई मीटिंग से पहले यह संभावना जताई जा रही थी कि 5 अगस्त की मीटिंग में यह मसला हल हो जाएगा।
वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने अपने ऐलान के मुताबिक लंगर पर जी.एस.टी. से छूट देने का मामला मीटिंग में उठाया था। यह छूट सिर्फ हरिमंदिर साहिब व अन्य गुरुद्वारा साहिबान के लिए ही नहीं अपितु देश के सभी धर्मों के प्रमुख धार्मिक स्थानों के लिए मांगी जा रही है। मनप्रीत सिंह बादल ने बताया कि इस मामले पर बेशक कल कोई फैसला नहीं हो सका परंतु आने वाले समय में फैसला होने की उम्मीद है।
सिख पंथ के लिए बड़ा मसला 10 करोड़ वर्ष का नुक्सान
लंगर पर जी.एस.टी. सिख पंथ के लिए बड़ा मसला है क्योंकि शिरोमणि कमेटी की तरफ से किए जा रहे प्रबंधों के तहत हरिमंदिर साहिब व अन्य गुरुद्वारा साहिबान की आमदन में सालाना 10 करोड़ रुपए का नुक्सान होगा। इसके साथ ही लंगर की रसद के साथ-साथ प्रसाद की पर्ची पर भी जी.एस.टी. लगाया गया है।
सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को पत्र लिखेंगे: बडूंगर
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान प्रो. कृपाल सिंह बडूंगर ने जी.एस.टी. कौंसिल की तरफ से इस मामले पर कोई फैसला न लेने पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा है कि इस मामले पर जी.एस.टी. कौंसिल के मैंबर व सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को पत्र लिखेंगे और इसके बाद ही शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी कोई अगली रूपरेखा का ऐलान करेगी। प्रो. बडूंगर ने कहा कि हमें यह भरोसा दिलाया गया था कि 5 अगस्त की मीटिंग में इस बारे में फैसला हो जाएगा परंतु अफसोस है कि इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया गया। इस मामले पर उन्होंने खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, वित्त मंत्री अरुण जेतली व देश के सभी सांसदों को पत्र लिखे थे परंतु फिर भी निराशा ही मिली है।