GST ने बुझाया  मुलाजिमों के घरों का चूल्हा,15 सितम्बर तक क्लीयर होगी सैलरी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Sep, 2017 09:12 AM

gst extinguished govt employee home stove

जी.एस.टी. ने एक तरफ जहां पंजाब के खजाने को कंगाल कर दिया है

जालंधर (रविंदर शर्मा): जी.एस.टी. ने एक तरफ जहां पंजाब के खजाने को कंगाल कर दिया है वहीं हालात यह बन गए हैं कि सरकारी मुलाजिमों के घरों का चूल्हा तक बुझ गया है और प्रदेश भर में सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है। संकट से गुजर रही प्रदेश की आॢथक व्यवस्था को जी.एस.टी. ने जमकर चोट पहुंचाई है। जी.एस.टी. को लेकर राज्य सरकार ने पहले से पैरवी नहीं की और अब सरकार को सरकारी मुलाजिमों को सैलरी देने के लाले पड़ गए हैं। 


पंजाब में सरकारी मुलाजिमों की संख्या तकरीबन 3.95 लाख है और प्रत्येक महीने इन सरकारी मुलाजिमों को  तकरीबन 2000 करोड़ रुपए सैलरी दी  जाती है। प्रत्येक सरकारी मुलाजिम को राज्य में अपनी सैलरी हर महीने की पहली तारीख को मिल जाती है, मगर इस बार 11 दिन बीत जाने के बाद अभी तक लाखों मुलाजिमों की जेबें खाली हैं। 


वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि सरकार को अभी तक केंद्र सरकार से जी.एस.टी. के अपने हिस्से के मिलने वाले तकरीबन 800 करोड़ रुपए नहीं मिले हैं जिसके कारण काफी दिक्कत आ रही है। यही नहीं इसके अलावा भी राज्य सरकार अन्य स्रोतों से टैक्स इक_ा करने में विफल साबित हुई है। वित्त मंत्रालय की मानें तो कर्ज लेकर रोजाना तकरीबन 100 करोड़ रुपए सरकारी मुलाजिमों की सैलरी के लिए जारी किए जा रहे हैं। अभी तक पैंशनरों, सी. व डी. ग्रेड मुलाजिमों की सैलरी ही जारी की जा चुकी है जबकि ए. व बी. ग्रेड जिनमें आई.ए.एस. व आई.पी.एस. अधिकारी भी शामिल हैं, उन्हें सैलरी जारी नहीं की जा सकी है। वित मंत्री मनप्रीत बादल का कहना है कि वह जी.एस.टी. परिषद में यह मुद्दा उठा चुके हैं और उन्हें उम्मीद है कि एक-आध दिन में राज्य को उनके हिस्से का टैक्स केंद्र से मिल जाएगा और 15 सितंबर तक सभी सरकारी मुलाजिमों को सैलरी दे दी जाएगी। 


 

सरकार के 5 माह के कार्यकाल में दूसरी बार समय पर नहीं मिली सैलरी
ऐसा नहीं है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार के 5 माह के कार्यकाल में यह पहली बार हुआ हो। इससे पहले भी इस सरकार के कार्यकाल में ऐसा हो चुका है। सत्ता में आने के बाद जून महीने में भी सरकार अपने टीचरों को सैलरी देने में नाकाम रही थी। इसके बाद टीचर एसोसिएशनें सड़कों पर उतर आई थीं और 12 जुलाई को सैलरी रिलीज की गई थी। 

 

थानों को रोजाना 300 चालान करने के आदेश
 सरकार ने अपना खजाना भरने के लिए अजब तरीके के आदेश जारी करने शुरू कर दिए हैं। सरकारी सूत्रों के अनुसार आई.जी. स्तर के अधिकारियों ने अपने थानों को आदेश दिए हैं कि रोजाना प्रत्येक थाना कम से कम 300 चालान का टारगेट पूरा करे। यह भी कहा जा रहा है कि यह कवायद पंजाब के खजाने को भरने के लिए की जा रही है। लोगों का कहना है कि बेवजह नाकों पर उन्हें परेशान किया जा रहा है। सरकारी खजाना भरने के लिए प्रत्येक वाहन मालिक को 2 हजार से लेकर 4500 तक का चालान थमाया जा रहा है। 

 

मुख्यमंत्री व मंत्रियों तक को नहीं मिली सैलरी
प्रदेश के हालात यह हैं कि अभी तक मुख्यमंत्री व मंत्रियों तक को सैलरी नहीं दी जा सकी है। वित्त मंत्रालय का कहना है कि सभी सरकारी मुलाजिमों को सैलरी जारी करने के बाद ही मुख्यमंत्री व मंत्रियों की सैलरी जारी की जाएगी। 
 

नगर निगम को वसूली बढ़ाने को कहा
सरकार ने अपना खजाना भरने के लिए सभी नगर निगमों को वसूली तेज करने को कहा है। सीधे आदेश हैं कि लोगों से वसूली बढ़ाई जाए, पानी व सीवरेज के बकाया बिलों को जल्द लिया जाए। यही कारण है कि सरकार ने प्रापर्टी टैक्स जैसे फैसले पर रोक नहीं लगाई बल्कि कांग्रेस सरकार में भी प्रापर्टी टैक्स वसूली ऐसे ही जारी है। इसके अलावा सरकार चोरी-चुपके लोगों पर बोझ बढ़ाने की तैयारी कर रही है। सरकार ने अंदरखाते उपभोक्ताओं पर बिजली टैक्स बढ़ाने की योजना भी तैयार कर ली है। 

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