Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Dec, 2017 10:49 AM
भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा 1 जुलाई से लागू किए गए जी.एस.टी. सिस्टम के कारण व्यापारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है
जालंधर (विनीत): भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा 1 जुलाई से लागू किए गए जी.एस.टी. सिस्टम के कारण व्यापारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि 6 माह बीतने के बाद भी उन्हें अभी तक जुलाई की रिफंड राशि तक भी नहीं प्राप्त हुई, जिससे इंडस्ट्रीलिस्ट की मुश्किलें इतनी बढ़ गई हैं कि उनकी इंडस्ट्री बंद होने के कगार पर पहुंच गई है।
यह जानकारी देते हुए स्पोर्ट्स एंड टॉयस एक्सपोर्ट्स एसो. के वाइस चेयरमैन अलकेश कोहली ने कहा कि जी.एस.टी. रिफंड के साथ ही पिछले 3-4 वर्षों से स्टेट वैट रिफंड भी नहीं मिला, जिस कारण इंडस्ट्री की वर्किंग कैपीटल ब्लॉक होकर रह गई है और उनका बैंक लोन बढ़ता जा रहा है। कारीगरों को सैलरी देना भी उनके लिए मुश्किल हो गया है।
श्री कोहली ने कहा कि प्रत्येक फैक्टरी के साथ सैंकड़ों-हजारों कारीगर जुड़े हैं, जो अपनी रोजी-रोटी के लिए उन पर ही निर्भर हैं, ऐसे में जब इंडस्ट्री को चलाना ही संभव नहीं रहा तो कारीगर भी आर्थिक रूप से तंग हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने जी.एस.टी. लागू होने के समय 21 दिनों में 90 फीसदी रिफंड राशि देने की घोषणा की थी, परंतु अभी तक सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया जिससे इंडस्ट्री को कुछ राहत मिल सके। अपनी समस्याओं की चर्चा करते हुए श्री कोहली ने कहा कि वर्किंग कैपीटल घटने से बैंक लोन की मांग बढ़ रही है और लाभ घट रहा है। दूसरी ओर इस स्थिति का सीधा लाभ चीन को मिल रहा है, जो ड्यूटी फ्री दाम पर अपने प्रोडक्ट मार्कीट में उतारकर भारतीय इंडस्ट्री को समाप्त करने में लगा है। सरकार ने यदि समय रहते कुछ ठोस कदम न उठाए तो यह इंडस्ट्री बंद होकर रह जाएगी।