Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Nov, 2017 10:17 AM
ट्रेड और इंडस्ट्री पर आधारित ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने कहा है कि देश में जी.एस.टी. कानून नालायकी से लागू किया गया है। जब तक जी.एस.टी. की तमाम दिक्कतों को दूर नहीं करवा लिया जाता तब तक ज्वाइंट एक्शन कमेटी चुप करके नहीं बैठेगी और अपना संघर्ष जारी रखेगी।...
जालंधर(खुराना): ट्रेड और इंडस्ट्री पर आधारित ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने कहा है कि देश में जी.एस.टी. कानून नालायकी से लागू किया गया है। जब तक जी.एस.टी. की तमाम दिक्कतों को दूर नहीं करवा लिया जाता तब तक ज्वाइंट एक्शन कमेटी चुप करके नहीं बैठेगी और अपना संघर्ष जारी रखेगी। इस संघर्ष के तहत उद्योग व व्यापार जगत को धरने पर बैठना पड़े या सड़कों पर उतरना पड़े, ज्वाइंट एक्शन कमेटी इसके लिए तैयार है।
गत रात्रि सम्पन्न एक बैठक में ज्वाइंट एक्शन कमेटी के संस्थापक कन्वीनर गुरशरण सिंह ने कहा कि सरकार जी.एस.टी. लागू करने के बाद से अब तक दर्जनों संशोधन कर चुकी है जिससे साबित होता है कि राजनेता तथा अफसर घर बैठे ही तीर चलाते रहे और देखा कुछ नहीं। नालायकों की सरकार व्यापारियों को बेवकूफ बनाती रही जिस कारण एक बार तो सारा काम-धंधा ठप्प होकर रह गया था परंतु अब जी.एस.टी. के नियमों में बदलाव किए जा रहे हैं। इससे पूर्व बैठक दौरान कई व्यापारी नेताओं ने जी.एस.टी. को लेकर पेश आ रही दिक्कतों के मामले उठाए। इन व्यापारी नेताओं ने कहा कि अभी भी कई उत्पादों पर 28 प्रतिशत टैक्स दर बहुत ज्यादा है जिस कारण व्यापार ठप्प है। रबड़ उद्योग की समस्या कम नहीं हो रही क्योंकि तैयार चप्पल पर जी.एस.टी. 5 प्रतिशत है जबकि रबड़ स्ट्रैप पर जी.एस.टी. की दर 18 प्रतिशत है। इसी तरह रबड़ उद्योग को ज्यादातर माल 18 प्रतिशत जी.एस.टी. देकर खरीदना पड़ रहा है जबकि उसे तैयार माल बेचने पर 5 प्रतिशत जी.एस.टी. मिलता है। ऐसे में रबड़ उद्योगपतियों की लाखों-करोड़ों की पूंजी सरकार के पास जमा हो गई है और रिफंड का कोई अता-पता नहीं है। उद्योगपतियों को बैंकों के ब्याज भरने पड़ रहे हैं।
एक अन्य व्यापारी नेता का कहना था कि माल से भरे एक ट्रक को आग कारण नुक्सान पहुंचा परंतु जला हुआ और खराब सामान जो उद्योगपति के पास वापस आ जाता है, उस पर भी जी.एस.टी. रिबेट या रिफंड का कोई नियम नहीं। ऐसे सामान पर टैक्स देना बेतुका फैसला है। बैठक दौरान विक्की कालिया, गुरबख्श जुनेजा, सूबा सिंह, संजय गोयल, राज कुमार शर्मा, मनदीप गुजराल, राकेश बहल, नवीन जैन, राजीव सूरी, मनीष कवात्रा, प्रीतम सिंह अरोड़ा, एडवोकेट रंजीत सिंह, सुखविंद्र सिंह बग्गा, कृष्ण लाल अरोड़ा, एस.पी. शर्मा, हरभजन सिंह सैनी, गुरमेल सिंह सैनी, वरिंद्र महेन्द्रू, अश्विनी गुप्ता, भरत काकडिय़ा, राकेश जैन आदि विशेष रूप से मौजूद थे।