Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Aug, 2017 10:40 AM
मोदी सरकार द्वारा 1 जुलाई 2017 से लागू की गई जी.एस.टी. ने एक माह में व्यापारियों का 10 हजार करोड़ रुपए से भी ज्यादा का नुक्सान कर दिया है।
अमृतसर(स.ह.): मोदी सरकार द्वारा 1 जुलाई 2017 से लागू की गई जी.एस.टी. ने एक माह में व्यापारियों का 10 हजार करोड़ रुपए से भी ज्यादा का नुक्सान कर दिया है।छोटे से लेकर बड़े व्यापारियों तक की सेल 80 से 90 प्रतिशत तक कम हो गई है और व्यापारी खाली हाथ अपने घरों को लौट रहे हैं।
एक माह के दौरान भी किसी को भी जी.एस.टी. प्रक्रिया समझ नहीं आई है। किस व्यापारी को कितना जी.एस.टी. भरना है, इस पर अभी तक असमंजस की स्थिति बनी हुई है। जी.एस.टी. के खिलाफ अभी तक जितने भी बड़े आंदोलन व्यापारियों ने किए हैं। अभी तक सरकार ने व्यापारियों को कोई राहत नहीं दी है, कदाचित 5 अगस्त को जी.एस.टी. की कौंसिल में कुछ राहत मिलने की उम्मीद है, लेकिन उसमें भी पक्का नहीं है कि व्यापारियों की मांगों को पूरा किया ही किया जाएगा।
कपड़े पर लगा दिया 5 प्रतिशत तक टैक्स
देश की आजादी के बाद आज तक कपड़े पर टैक्स नहीं लगा था, लेकिन केन्द्र सरकार ने कपड़े पर भी 5 प्रतिशत टैक्स लगा दिया, जिससे कपड़ा व्यापारियों ने सूरत से लेकर अमृतसर तक लगभग एक महीना हड़ताल की और बड़े यूनिट्स से लेकर छोटे दुकानदार तक सभी ने अपनी दुकानें बंद रखीं। कपड़ा व्यापारियों को भी जी.एस.टी. कौंसिल से राहत मिलने की उम्मीद है। कपड़ा उद्योग को एक महीने में जी.एस.टी. से 5 हजार करोड़ से ज्यादा का नुक्सान हुआ है।
कई सप्ताह बंद रही शिवाकासी के पटाखा कारखाने
केन्द्र सरकार ने पटाखों पर भी एकमुश्त 28 प्रतिशत जी.एस.टी. लगा दिया गया, जिसके विरोध में शिवाकासी जहां से पूरे देश में पटाखों की सप्लाई होती है, में भी जी.एस.टी. के विरोध में कई सप्ताह तक कारखाने बंद रहे, फिलहाल इन कारखाना मालिकों को भी जी.एस.टी. कौंसिल में राहत मिलने की उम्मीद है।
28 प्रतिशत टैक्स से होटल इंडस्ट्री सीजन में भी ऑफ सीजन
केन्द्र सरकार ने होटल व रैस्टोरैंट्स पर भी 28 प्रतिशत जी.एस.टी. लगा दिया है जिससे इस इंडस्ट्री को भी भारी नुक्सान हुआ है। छुट्टियों के सीजन में भी होटल इंडस्ट्री ऑफ सीजन में है, क्योंकि 28 प्रतिशत टैक्स भरने को कोई भी तैयार नहीं है। लोगों ने होटल में ठहरना व रैस्टोरैंट्स में खाना खाना छोड़ दिया है। 28 प्रतिशत जी.एस.टी. के हिसाब से 250 रुपए के खाने के बिल पर पर 56 रुपए से ज्यादा का टैक्स बन जाता है, जिसको भरने के लिए कोई तैयार नहीं है। होटल एवं रैस्टोरैंट मालिकों में सरकार की इस धक्केशाही के खिलाफ भारी रोष है।
फोकल प्वाइंट इंडस्ट्री को भारी नुक्सान
फोकल प्वाइंट स्थित विभिन्न इंडस्ट्रियल यूनिटों को जी.एस.टी. ने भारी नुक्सान पहुंचाया है। उद्योगपतियों के अनुसार जिस कारखाने में डबल शिफ्ट चलती थी, उसमें सिंगल शिफ्ट हो गई है। सेल में 80 प्रतिशत तक की कमी आ गई है। चाहे वुडन स्क्रू का कारखाना हो या फिर कोई अन्य कारखाना, सभी उद्योगपति चिंतित नजर आ रहे हैं कि क्या होगा, फिलहाल सभी को जी.एस.टी. कौंसिल में राहत मिलने की उम्मीद है।