Edited By Updated: 22 Apr, 2017 10:59 AM
गेहूं की खरीद के लिए कैप्टन सरकार के अग्रिम प्रबंधों के दावे मंडियों में खोखले साबित हो रहे हैं। सप्ताह पहले मंडियों में सूखी व साफ गेहूं लेकर पहुंचे किसान अभी भी गेहूं बिकने की प्रतीक्षा में मंडियों के चक्कर काट रहे है।
बाघापुराना(चटानी/मनीष): गेहूं की खरीद के लिए कैप्टन सरकार के अग्रिम प्रबंधों के दावे मंडियों में खोखले साबित हो रहे हैं। सप्ताह पहले मंडियों में सूखी व साफ गेहूं लेकर पहुंचे किसान अभी भी गेहूं बिकने की प्रतीक्षा में मंडियों के चक्कर काट रहे है। कई मंडियों में गेहूं की लिफ्टिंग तथा कई मंडियों में बारदाने की कमी ने खरीद प्रबंधों में रुकावट पैदा की हुई है।
गांव लंगेयाना की मंडी में बैठे किसानों गुरतेज सिंह लंगेयाना, दर्शन सिंह, रेशम सिंह, पाल सिंह व गुरजंट बड़ा घर ने बताया कि वे सरकार के सख्त निर्देशों पर पहरा देते हुए पूरी तरह सूखी गेहूं मंडी में इस उम्मीद से लेकर आए थे कि एक-दो दिनों में बिक्री हो जाएगी, लेकिन 6 दिनों से वे गेहूं की खरीद की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
उधर, माहला कलां की मंडी में भी किसानों भजन सिंह, जसवीर सिंह माहला, कश्मीर सिंह हरिए वाला तथा मलकीत सिंह ने भी ऐसी ही व्यथा सुनाई। मार्कीट कमेटी के घटिया प्रबंधों पर उंगली उठाते हुए उक्त मंडियों के अलावा दर्जन के करीब खरीद केन्द्रों में बैठे किसानों ने कहा कि जहां वे अपनी फसल कच्चे फर्श में फैंकने के लिए मजबूर हैं, वहीं वे पीने वाले पानी की बूंद-बूंद को तरस रहे हैं। लंगेयाना गांव की मंडी में मजदूरी करती महिलाओं ने बताया कि उनके लिए शौचालयों का कोई उचित प्रबंध न होने के कारण उनको परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खरीद प्रबंधक ने कहा कि उनके द्वारा पूरे प्रबंध किए गए हैं, लेकिन गेहूं की एकदम तेज आमद ने ही मामूली रुकावट डाली है। खरीद अधिकारियों के अनुसार एक सप्ताह के अंदर 90 प्रतिशत फसल की खरीद मुकम्मल कर ली जाएगी। वहीं जब मार्कीट कमेटी के उच्चाधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो फोन न उठाने के कारण संपर्क नहीं हो सका।