इस ग्रामीण सरकारी स्कूलों में सुरक्षित नहीं देश का भविष्य

Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Jul, 2017 09:30 AM

govt school punjab

समय की सरकारें शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए हमेशा ही बयानबाजी करती रहती हैं। करोड़ों रुपए सरकारी स्कूलों पर खर्चे जाते हैं, पर इसके बावजूद सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलती तथा वह प्राइवेट स्कूलों से पीछे रह जाते...

मंडी लखेवाली(सुखपाल): समय की सरकारें शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए हमेशा ही बयानबाजी करती रहती हैं। करोड़ों रुपए सरकारी स्कूलों पर खर्चे जाते हैं, पर इसके बावजूद सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलती तथा वह प्राइवेट स्कूलों से पीछे रह जाते हैं। 

पंजाब केसरी द्वारा मालवा क्षेत्र के चर्चित जिले श्री मुक्तसर साहिब के सरकारी स्कूलों बारे यह विशेष रिपोर्ट तैयार की गई है। उक्त जिले में 241 गांवों के कुल 551 सरकारी स्कूल चल रहे हैं जिनमें 332 सरकारी प्राइमरी स्कूल हैं। सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल की संख्या जिले में 84 है तथा सरकारी हाई स्कूल 66 चल रहे हैं। इसके अलावा एलीमैंटरी स्कूल 69 हैं। सरकारी स्कूलों में कई जगह पर बच्चों के पीने के लिए साफ पानी की कमी है। धरती के नीचे पानी खराब होने से स्कूल प्रबंधकों ने अपने बलबूते पर पीने वाले पानी का प्रबंध किया है।

सरकारी सूत्रों के अनुसार जिले के 90 सरकारी स्कूल जो ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित हैं में पीने वाले पानी के सैम्पल फेल हो चुके हैं। वर्णनीय है कि पहले ही घटिया पानी पीने से क्षेत्र के लोक कैंसर तथा काले पीलिए जैसी नामुराद बीमारियों से ग्रस्त हैं। एक अन्य बात यह है कि अप्रैल से स्कूलों में कक्षाएं शुरू हुई हैं।अभी तक शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों के लिए स्कूलों में किताबें ही नहीं भेजी गईं। किताबों के बिना बच्चे पढ़ेंगे कैसे। यह भी पता लगा है कि अभी तक किताबें छापने के लिए कागज ही नहीं खरीदा गया है तथा अगस्त तक किताबें आने की कोई सम्भावना नहीं है।

जिले भर में सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे हैं 87,340 बच्चे
जिले भर में सरकारी स्कूलों में इस समय 87,340 बच्चे पढ़ रहे हैं इनमें प्राइमरी स्कूल में पढऩे वाले बच्चे 36624 है जबकि छठी से 12वीं कक्षा के बच्चों की संख्या 50716 है। वैसे सरकारी तथा प्राइवेट स्कूलों में कुल 1,58,870 है। सर्व शिक्षा अभियान तथा रमसा अधीन सरकारी स्कूलों के लिए क्रमवार 56,70,300 रुपए तथा 2 करोड़ 49 लाख 43 हजार रुपए की ग्रांटें एक साल में आई हैं तथा इससे ज्यादा पैसा खर्च हो चुका है।

दफ्तर में है स्टाफ की कमी : जिला शिक्षा अफसर
श्री मुक्तसर साहिब में जिला शिक्षा दफ्तर 1986 में बनाया गया था पर 31 साल बीत जाने के बावजूद इस दफ्तर में स्टाफ तथा अन्य सुविधाओं की कमी रही है। जिला शिक्षा अफसर दविन्द्र कुमार रजौरिया ने बताया कि 6 शिक्षा ब्लाकों में 5 ब्लाक अफसर नहीं हैं। उप जिला शिक्षा अफसर का पद खाली है जिला साइंस सुपरवाइजर, प्रबंधक अफसर, वोकेशनल कोआर्डीनेटर, सैक्शन अफसर, सहायक जिला गाइडैंस कौंसलर, सुपरिंटैंडेंट के अलावा 2 सीनियर सहायक, 4 क्लर्क, 3 सेवादार तथा 1 ड्राइवर की जरूरत है। इसी तरह प्राइमरी की तरफ जिला शिक्षा अफसर के अलावा सुपरिंटैंडैंट, 3 क्लर्क, सेवादार तथा ड्राइवर की कमी है। ब्लाक स्तर के दफ्तरों में भी स्टाफ पूरा नहीं है।
 

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