Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Sep, 2017 12:26 AM
कैप्टन सरकार ट्रक यूनियनों को खत्म करने के बाद इस मसले का तोड़ निकालने के लिए...
पटियाला(परमीत): कैप्टन सरकार ट्रक यूनियनों को खत्म करने के बाद इस मसले का तोड़ निकालने के लिए और आने वाले धान के सीजन के दौरान मंडियों में से धान की ट्रांसपोर्टेशन के लिए शैलर मालिकों को ट्रांसपोर्टेशन के चाॢजज देगी, जिससे शैलर मालिक अपने ट्रकों के द्वारा शैलरों में धान स्टोर कर सकें।
इसके अलावा सरकार ने फैसला किया है कि आने वाले धान के सीजन दौरान शैलरों द्वारा जो सरकारी चावल तैयार किया जाता है, उसे स्टोर करने के लिए 50 प्रतिशत बारदाना शैलर मालिक अपने पास से खरीदेंगे जबकि 50 प्रतिशत बारदाना सरकार उनको मुहैया करवाएगी। आगामी धान के सीजन दौरान सरकार ने अभी से ही तैयारी करते हुए प्रदेश के खाद्य व आपूर्ति विभाग की डायरैक्टर आनंदिता मित्रा को शैलर मालिकों के साथ बात करने के लिए भेजा, जिसके अंतर्गत उन्होंने पटियाला के मिनी सचिवालय में 8 जिलों के शैलर मालिकों के साथ मीटिंग की।
इस मीटिंग में पंजाब राइस मिलर्ज एसोसिएशन के प्रधान ज्ञानचंद भारद्वाज, महासचिव सत प्रकाश गोयल, राज दानेवालिया, अमरनाथ, संजीव भारद्वाज, रोहित गोयल, जतिन गोयल समेत अन्य कई नेता पहुंचे हुए थे। डायरैक्टर ने बताया कि इस बार शैलर मालिकों को धान की अलाटमैंट बिल्कुल पारदर्शी तरीके से की जाएगी। हरेक शैलर की कैपेसिटी के अनुसार उसे धान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 1 टन वाले शैलर को 3500 मीट्रिक टन, 2 टन वाले को 4500, 3 टन वाले को 5500, 4 टन वाले को 6000, 5 टन वाले शैलर को 6500 के रेश्यो के साथ धान अलाट किया जाएगा।
इस दौरान जब डायरैक्टर ने साल 2003 से साल 2013-14 तक शैलर मालिकों से 3 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब के साथ राशि जमा करवाने के लिए कहा तो शैलर मालिकों ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि इस संबंधी कैग ने जो रिपोर्ट बनाई है, वह ठीक नहीं है।