Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Mar, 2018 01:33 PM
‘पढ़ो पंजाब-पढ़ाओ पंजाब’ प्रोजैक्ट के जरिए लुधियाना को गौरी नामक छात्रा के रूप टैलेंट देने वाला अयाली कलां का लड़कियों का प्राइमरी स्कूल शायद सरकार की नजर से दूर है। यहां पढ़ाने वाले अध्यापक तो विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा देने के लिए प्रयासरत...
लुधियाना (विक्की): ‘पढ़ो पंजाब-पढ़ाओ पंजाब’ प्रोजैक्ट के जरिए लुधियाना को गौरी नामक छात्रा के रूप टैलेंट देने वाला अयाली कलां का लड़कियों का प्राइमरी स्कूल शायद सरकार की नजर से दूर है। यहां पढ़ाने वाले अध्यापक तो विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा देने के लिए प्रयासरत हैं लेकिन मूलभूत सुविधाओं की कमी आड़े आ रही है।
बच्चों को बिठाने के लिए उधार लिया कमरा
गांव में एक तरफ बने इस प्राइमरी स्कूल का दौरा करने पर पता चला कि स्कूल में 179 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। स्कूल का हाल यह है कि यहां पर सिर्फ विद्यार्थियों के बैठने के लिए 3 कमरे हैं, जबकि स्कूल के अध्यापकों की ओर से इसी बिल्डिंग में चल रहे मिडल स्कूल से एक कमरा बच्चों को बिठाने के लिए उधार लिया गया है। यही नहीं विद्यार्थियों की कक्षाएं पूरी तरह से एडजस्ट हो सकें, इसके लिए कमरों को विभाजित भी किया गया है। कमरों की कमी के चलते एक कक्षा बाहर बरामदे में लगानी पड़ रही है।
कमरों की कमी के चलते किचन में रखे डैस्क
स्कूल में 6 अध्यापक और एक शिक्षा प्रोवाइडर बच्चों को पढ़ाई करा रहे हैं। स्कूल की हर कक्षा के विद्यार्थी यहां आने वाले हर किसी को खड़े होकर इंगलिश में गुड मार्निंग और गुड आफ्टरनून कहकर सम्मान देते हैं। सरकार के लिए शर्म की बात यह है कि इस स्कूल में कमरे बनाने की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा। बात अगर डैस्कों की करें तो यहां पर रोटरी क्लब द्वारा समय-समय पर बच्चों के बैठने के लिए डैस्क प्रदान किए गए हैं लेकिन कमरों का अभाव होने के कारण कक्षाओं की एडजस्टमैंट के चलते डैस्कों का प्रयोग नहीं हो पा रहा है। इसी वजह से स्कूल ने कुछ डैस्क स्टोर रूम व किचन में रखे हैं ताकि सरकार की ओर से कभी कमरा बनाने के बाद डैस्कों को यहां लगाया जा सके।
स्कूल के 6 में से 4 अध्यापक परीक्षा ड्यूटी पर
पूछने पर पता चला कि स्कूल में कार्यरत 6 अध्यापकों में से 3 की ड्यूटी एस.सी.ई.आर.टी. द्वारा ली जा रही 8वीं की परीक्षाओं के लिए दूसरे स्कूलों में लगाई गई है, जबकि एक अध्यापिका पढ़ो पंजाब प्रोजैक्ट के लिए चैकिंग पर है। अब स्कूल में बाकी बचे 2 अध्यापक और 1 शिक्षा प्रोवाइडर 3 कक्षाओं को सम्भाल रहे हैं, जबकि अन्य 2 कक्षाओं में विद्यार्थियों पर नजर रखने के लिए स्कूल द्वारा मिड-डे मील बनाने वाली महिला कुक की ड्यूटी लगाई गई है। हैड टीचर इंद्रजीत कौर ने बताया कि जगह की कमी के चलते सभी कक्षाएं एक साथ एडजस्ट नहीं की जा सकतीं। ऐसे में 3 अध्यापकों की विभागीय ड्यूटी होने के चलते उनकी कक्षाओं में पढ़ रहे विद्यार्थियों पर नजर रखने के लिए महिला कुक को तैनात किया गया है, वह भी अपनी कक्षा से जाकर इन कक्षाओं में पढ़ रहे विद्यार्थियों का काम चैक कर रहे हैं। इस दौरान महिला कुक हमारी कक्षा में आ जाती है।