Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Nov, 2017 01:21 PM
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा राज्यभर के करीब 22 हजार सरकारी राशन डिपुओं की चैकिंग (सुपरविजन) संबंधी पूर्व सैनिकों के हाथों कमान सौंपे जाने पर डिपो मालिकों में सरकार के प्रति बगावती सुर उठने लगे हैं। सरकार के प्रति गर्म तेवर अपनाने वालों...
लुधियाना(खुराना): मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा राज्यभर के करीब 22 हजार सरकारी राशन डिपुओं की चैकिंग (सुपरविजन) संबंधी पूर्व सैनिकों के हाथों कमान सौंपे जाने पर डिपो मालिकों में सरकार के प्रति बगावती सुर उठने लगे हैं। सरकार के प्रति गर्म तेवर अपनाने वालों में अधिकतर डिपो होल्डर वर्षों से कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए वे कार्यकत्र्ता व पूर्व पार्षद हैं, जोकि सरकार की उक्त नीति के खिलाफ खुलकर जहर उगल रहे हैं। डिपो होल्डरों का कहना है कि एक तो सरकार डिपो मालिकों को किसी प्रकार का वेतन या उचित कमीशन राशि डिपो चलाने की एवज में नहीं दे रही है और ऊपर से आए दिन नई-नई पॉलिसियां बनाकर उन्हें परेशान किया जा रहा है।
शहरों में वार्डवाइज व ग्रामीण इलाकों में गांव के हिसाब से पूर्व सैनिक जाकर डिपुओं पर कार्डधारकों व आने वाले सरकारी अनाज संबंधी डाटा खंगालेंगे और इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाएगा कि राशन वितरण का सारा कामकाज पूरे पारदर्शी ढंग से चल रहा है या नहीं। वहीं डिपुओं संबंधी सारी जानकारी जुटाने के बाद सैनिक मामले की सारी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय या फिर संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों को लिखित तौर पर भेजेंगे, जिसके आधार पर ही संबंधित डिपो को रैंकिंग लिस्ट में पॉजीटिव या नैगेटिव नंबरों की कैटेगरी में शामिल किया जाएगा। इस सिलसिले में बातचीत करते हुए ढंडारी इलाके में पड़ते पी.डी.एस. नंबर-753 के डिपो होल्डर संतोख सिंह गरचा ने बताया कि उनके डिपो पर गत दिवस एक पूर्व सैनिक डिपो का रिकॉर्ड व कार्डधारकों का ब्यौरा जुटाने पहुंचा था, जोकि सारी जानकारी लिखकर ले गया है।