Edited By Updated: 06 Apr, 2017 02:23 PM
गांवों में शौचालय बनाने के लिए 2016 में ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग की तरफ से जारी किए 18.75 करोड़ रुपए का पंजाब सरकार ने हिसाब मांग लिया है। पंजाब के जिला विकास और पंचायत अफसरों को नोटिस जारी करके कहा है कि गांवों में शौचालय बनाने के लिए जारी की...
अमृतसर(पुरी): गांवों में शौचालय बनाने के लिए 2016 में ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग की तरफ से जारी किए 18.75 करोड़ रुपए का पंजाब सरकार ने हिसाब मांग लिया है। पंजाब के जिला विकास और पंचायत अफसरों को नोटिस जारी करके कहा है कि गांवों में शौचालय बनाने के लिए जारी की गई ग्रांट का हिसाब दिया जाए। इसके लिए एक बाकायदा फार्म भी ब्लाक अधिकारियों को सौंप दिया है जिसके अंतर्गत उनसे एक-एक बनाए गए शौचालय की जानकारी मांगी गई है।
यह भी पूछा गया है कि किन-किन को शौचालय बनाकर दिए गए हैं और उनकी अब क्या स्थिति है और देरी के साथ हो रहे कामों के कारणों की भी सरकार ने तुरंत रिपोर्ट के आदेशों के अंतर्गत जानकारी मांगी है। जिक्रयोग्य है कि विधानसभा हलका अटारी के 3 गांवों को 50 लाख के करीब ग्रांट जारी की गई थी, जिसमें से 42 लाख के करीब रुपए पंचायतों के खातों में से निकल गए थे परन्तु पंचायतों और अन्य अधिकारियों ने एक भी शौचालय सैट नहीं बनाया था। पंजाब केसरी की तरफ से लगाई गई इस खबर के तुरंत बाद पंजाब सरकार ने जानकारी मांगी है कि अमृतसर जिले को 1.24 करोड़ रुपए जारी किए गए थे, उस समय अमृतसर के डी.डी.पी.ओ. हरजिन्द्र सिंह संधू थे। विधानसभा हलका के ब्लाक अटारी, हलका राजासांसी के ब्लाक हर्षा छीना, हलका मजीठा के ब्लाक तरसिक्का और मजीठा को यह ग्रांटें जारी हुई थीं।
सरकार के रिकॉर्ड में कहीं भी नहीं बोल रहा था कि कितनी शौचालय तैयार हुए हैं । बाकी की क्या स्थिति है। विधानसभा हलका राजासांसी के ब्लाक हर्षा छीना के गांव बोहलियां और उमरपुरा को 24 लाख के करीब ग्रांट जारी हुई थी। ब्लाक अधिकारी ने बताया कि आज सरकार की हिदायतों पर जांच की गई, जिसमें पाया गया कि काम जारी है जबकि गहराई के साथ पता लगा कि दोनों गांवों में जारी 24 लाख रुपए में से सिर्फ कुछ ही शौचालय बने हैं और वह भी अधूरे हैं।
एक गांव में जारी ग्रांट के आधार पर ईंटें व अन्य मैटीरियल मंगवाया पाया गया जबकि वहां कुछ ही शौचालय सीटें व ईंटें बरामद हुईं। इस गांव में 100 से अधिक घरों को शौचालयों का संकल्प पास करके सरकार को भेजा गया है। जांच दौरान यह भी पता लगा है कि एक गांव की पंचायत की तरफ से वही संकल्प ग्रामीण विकास और पंचायत को भेजा गया है और वही नामों वाला संकल्प वाटर सप्लाई व सैनीटेशन विभाग को भेजा गया है, जिससे इस बात का अंदेशा पैदा हो गया है कि शौचालयों के नाम पर बड़ा घोटाला किया गया, जिसको पंजाब सरकार सामने लाने जा रही है।
डी.डी.पी.ओ. इकबालजीत सिंह ने पुष्टि करते कहा कि अमृतसर जिले के लिए सवा करोड़ रुपए के करीब ग्रांट जारी हुई थी, जिन ब्लाकों के गांवों को शौचालय के लिए ग्रांट जारी हुई थी, की चैकिंग के लिए अधिकारियों की ड्यूटियां लगा दी गई थीं। उन्होंने यह भी बताया कि बैंकों और पंचायतों के रिकॉर्ड भी खंगाले जा रहे हैं जिन में कई तरह की कमियां डाली गई हैं। उन्होंने कहा कि जो भी अधिकारी किसी भी स्तर पर दोषी पाया गया तो उसको छोड़ा नहीं जाएगा।