Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Oct, 2017 10:28 AM
भारत सरकार ने पटियाला जिले को खुले में शौचमुक्त जिला घोषित किया है। डिप्टी कमिश्रर कुमार अमित ने बताया कि भारत सरकार के जल सप्लाई और सैनीटेशन मंत्रालय द्वारा देशभर में स्वच्छता अभियान को लेकर की जा रही दर्जाबंदी (रेटिंग) और इसको आनलाइन करने की...
पटियाला (जोसन) : भारत सरकार ने पटियाला जिले को खुले में शौचमुक्त जिला घोषित किया है। डिप्टी कमिश्रर कुमार अमित ने बताया कि भारत सरकार के जल सप्लाई और सैनीटेशन मंत्रालय द्वारा देशभर में स्वच्छता अभियान को लेकर की जा रही दर्जाबंदी (रेटिंग) और इसको आनलाइन करने की प्रक्रिया के माध्यम से 30 सितम्बर को पटियाला जिला खुले में शौच जाने से मुक्त घोषित कर दिया गया।
डिप्टी कमिश्रर ने बताया कि इस साल मार्च में जिले के सिर्फ 104 गांव खुले में शौच से मुक्त थे परंतु इसके बाद तेजी के साथ कार्रवाई करते हुए 6 महीनों में ही 900 से अधिक गांवों को खुले में शौच जाने से मुक्त कर दिया गया। कुमार अमित ने बताया कि सरकार की तरफ से 15 हजार रुपए का अनुदान 3 किस्तों में 5-5 हजार रुपए के तौर पर दिया जाता है परंतु कई गांवों में लोगों ने सरकारी अनुदान के अलावा अपने स्तर पर पसंद अनुसार शौचालय भी बनवाए हैं। उन्होंने कहा कि खुले में शौचमुक्त होने के बाद भारत में चल रही स्वच्छता मुहिम में पटियाला का नंबर देश के पहले कुछ जिलों में आ गया है।
इस संबंध में अतिरिक्त डिप्टी कमिश्रर (विकास) शौकत अहमद परे ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत गांवों में उन घरों की पहचान की गई थी, जहां शौचालय नहीं थे। यह सर्वे साल 2012 में करवाया गया था, जिसके अंतर्गत जिला पटियाला में शौचालयों से वंचित घरों की संख्या 33000 थी। स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम का आरंभ साल 2014 में हुआ था, परंतु इसको अमलीजामा साल 2017 में पहनाया गया, जब पंजाब भर में विश्व बैंक प्रोग्राम की सहायता के साथ इस कार्यक्रम पर तेजी से काम शुरू किया।
शौकत अहमद परे ने कहा कि जिला पटियाला को अब तक इस काम के अंतर्गत 32 करोड़ रुपए की राशि जारी की जा चुकी है। इन सभी कार्यों को पारदॢशता के साथ करने के लिए मोटीवेटरों द्वारा हरेक स्टेज की फोटो साइट पर अपलोड की जाती थी। अब तक 19000 शौचालय मुकम्मल हो चुके हैं और सिर्फ 3000 ही और बनने हैं, जिनका काम लगभग मुकम्मल होने वाला है।
शहर में नहीं हैं अब सिर पर मैला ढोने वाले : पूनमदीप कौर
अतिरिक्त उपायुक्त पूनमदीप कौर ने लघु सचिवालय में मैनुअल स्केवैजर्स एक्ट 2013 के संबंध में मीटिंग करते हुए बताया कि पटियाला में अब कोई भी सिर पर मैला ढुलाई वाला व्यक्ति या परिवार नहीं है। उन्होंने बताया कि कुछ साल पहले तक इन परिवारों की संख्या 38 होती थी परंतु अब नगर निगम द्वारा किए गए सर्वेक्षण में सामने आया है कि निगम की तरफ से ऐसा कोई भी काम अपनी सीमा में नहीं करवाया जाता है।
इसके अलावा मीटिंग में बताया गया कि एस.सी. निगम की तरफ से 23 व्यक्तियों के केस बैंकों के पास ऋण के लिए भेजे गए थे जिनमें से 6 मामलों को छोड़कर सभी के कर्जे मंजूर करवा दिए गए हैं। इन 6 मामलों में भी कुछ जरूरी कागजात न होने के कारण देरी हुई है जिसको जल्दी ही दूर कर दिया जाएगा। एस.सी. निगम द्वारा दिलाए जाने वाले लोन में 50 प्रतिशत सबसिडी दी जाती है।
सफाई कर्मचारियों को खास तौर पर सीवरेज का काम करने वाले नगर निगम के मुलाजिमों को किट संबंधी पेश आ रही दिक्कत को भी अब स्टेट बैंक आफ इंडिया की मदद से दूर कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि 200 जैकेट्स दी गई हैं जबकि जल्दी ही 600 और जैकेट्स दी जाएंगी। नगर निगम के प्रतिनिधियों ने बताया कि कर्मचारियों की सेहत की जांच का काम भी शुरू हो गया है। इस मौके पर जिला भलाई अफसर गुरिन्द्र जीत सिंह धालीवाल और एस.सी. निगम के जिला मैनेजर गुरपिन्द्र सिंह भी मौजूद थे।