सरकारी अस्पताल बना सफेद हाथी

Edited By Updated: 23 Mar, 2017 11:42 AM

government hospital made white elephant

करीब 2 दर्जन गांवों से अधिक इलाके को सेहत सुविधाएं प्रदान करने वाला लहरागागा का सरकारी अस्पताल सफेद हाथी बन चुका है।

लहरागागा (लक्की): करीब 2 दर्जन गांवों से अधिक इलाके को सेहत सुविधाएं प्रदान करने वाला लहरागागा का सरकारी अस्पताल सफेद हाथी बन चुका है। इसे अपग्रेड करके सब-डिवीजनल अस्पताल तो बना दिया था परंतु यह कागजी रूप में ही बनकर रह गया है। करीब करोड़ रुपए की लागत सेयहां कम्युनिटी हैल्थ सैंटर से अपग्रेड करके सब-डिवीजनल अस्पताल की इमारत बना दी और अस्पताल के आगे सब-डिवीजनल अस्पताल के बोर्ड भी लगे हैं।

वास्तविकता यह है कि विभाग के रिकार्ड में यह आज भी कम्युनिटी हैल्थ सैंटर ही है। इसी दर्जे के साथ पत्र व्यवहार होता है और इसी स्तर के साथ असामियों की भर्ती हुई है। 12 अक्तूबर, 2011 को जब केंद्र में कांग्रेस पार्टी की सरकार थी तब इस कम्युनिटी हैल्थ सैंटर को अपग्रेड करने का नींव पत्थर उस समय केंद्रीय सेहत मंत्री गुलाम नबी आजाद ने रखा था। इसे अपग्रेड करके नई इमारत बना दी जो कई कमियों का शिकार है।

महिलाओं के लिए नहीं कोई लेडी डाक्टर
यहां महिलाओं के लिए कोई लेडी डाक्टर नहीं है जिस कारण उन्हें दूसरे शहरों में जाना पड़ता है। यहां स्टाफ नर्सों की 10 पोस्टों में से 8 खाली हैं। यहां फार्मासिस्ट की सिर्फ एक पोस्ट ही मंजूर हुई है जबकि कम से कम 3 पोस्टों की जरूरत है। हैरानी है कि यहां 10 पोस्टें वार्ड अटैंडैंट की होने के बावजूद सभी खाली पड़ी हैं। सफाई सेवकों की 6 पोस्टें मंजूर हैं व सिर्फ एक ही स्थायी रूप में भरी हुई है। 2 सफाई सेवकों को आसपास से डैपुटेशन पर लगाकर काम चलाया जा रहा है जिस कारण बहुत ही मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

पानी की भी किल्लत
अस्पताल को पानी की सप्लाई के लिए यहां जल घर बनाया गया था परंतु उसे सरकारी जल घर के आसरे छोड़ रखा है। जहां पानी की भी किल्लत बरकरार है। जब शहर के सरकारी जल घर में से पानी आता है तभी यहां पानी स्टोर करके टंकी में चढ़ाया जाता है। यहां के जल घर का अपना कोई बोर नहीं है न ही कोई बड़ी मोटर है। अगर यहां इस जल घर का बोर होकर मोटर का प्रबंध किया जाए तभी अस्पताल में पानी की सही सप्लाई हो सकती है।

मुलाजिमों के लिए बनाए क्वार्टर असुरक्षित घोषित
मुलाजिमों के लिए बनाए क्वार्टर लोक निर्माण विभाग द्वारा असुरक्षित घोषित किए जा चुके हैं परन्तु विभाग ने नए क्वार्टर निर्माण करने की कोशिश नहीं की। यहां फार्मासिस्ट के लिए बनाया क्वार्टर असुरक्षित घोषित किया हुआ है जहां कोई नहीं रह रहा। स्टाफ नर्सों के लिए बने 2 क्वार्टरों में से भी एक इसी प्रकार बेकार घोषित हो चुका है। दर्जा चार मुलाजिमों के लिए भी 2 क्वार्टर बनाए हुए हैं। उनमें से एक तो अनसेफ घोषित है दूसरे की स्थिति और भी बुरी है।

डाक्टरों के रहने का नहीं कोई प्रबंध
सरकार ने सब-डिवीजनल अस्पताल की इमारत तो बना दी परंतु डाक्टरों के रहने का कोई प्रबंध नहीं किया। पहले से ही 2 कोठियां बनी हुई हैं जो भूत बंगला बन चुकी हैं। आजकल वे बंदरों का रैन बसेरा बनकर रह गई हैं क्योंकि पी.डब्ल्यू.डी. ने इन कोठियों को असुरक्षित घोषित कर दिया है जिस कारण यहां तैनात डाक्टरों को बाहर प्राइवेट तौर पर रहना पड़ता है।


 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!