Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Aug, 2017 01:00 PM
करोड़ों रुपए की लागत से समाना के नजदीक गांव गाजीपुर में 22 एकड़ जमीन पर बनाई गई जिला पटियाला की एकमात्र सरकारी गऊशाला की
समाना (शशिपाल): करोड़ों रुपए की लागत से समाना के नजदीक गांव गाजीपुर में 22 एकड़ जमीन पर बनाई गई जिला पटियाला की एकमात्र सरकारी गऊशाला की स्थिति सरकार व प्रशासन की अनदेखी के कारण दयनीय बनी हुई है। तूड़ी व हरे चारे की कमी के कारण यहां मौजूद गौधन की स्थिति बेहद दयनीय है जिस कारण गांववासियों ने सरकार से गऊशाला का उचित प्रबंध करने की मांग की है।
अकाली-भाजपा सरकार द्वारा शहरों व गांवों में लावारिस घूमते गौधन को सम्भालने की एक योजना के तहत जिला पटियाला के ब्लाक समाना के गांव गाजीपुर में 22 एकड़ पंचायती जमीन पर बनाई गई इस एकमात्र सरकारी गऊशाला में कोई उचित प्रबंध न होने के कारण प्रतिवर्ष सैंकड़ों की संख्या में गौधन मौत के मुंह में चला जाता है। इर्द-गिर्द दीवार न होने के कारण गौधन विशेषकर सांड लगाई गई तारों को तोड़कर बाहर निकल जाते हैं तथा फसलों को नुक्सान पहुंचाते हैं। गांववासियों व गौ प्रेमियों द्वारा शिकायतें मिलने पर पत्रकारों की एक टीम ने वहां पहुंच कर पाया कि लगभग 300 की संख्या में मौजूद गौधन के लिए गऊशाला में मात्र एक नियमित कर्मचारी है। 5-6 कर्मी लेबर मनरेगा स्कीम के तहत कार्यरत हैं और इन कर्मचारियों को भी पिछले 2 माह से वेतन नहीं मिला है।
गौधन हेतु गऊशाला में मात्र 2 शैड बनाए गए हैं, जो पूरे गौधन को संभालने के लिए नाकाफी हैं। इस अवसर पर गऊशाला में पहुंचे गांव गाजीपुर के गण्यमान्यों अजायब सिंह, तेजिंद्र सिंह, जरनैल सिंह, बहादुर सिंह व अन्य गांव वासियों ने पशुधन की इस गौशाला में हो रही बेकद्री पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि हजारों गौधन के लिए यह जमीन काफी है, जबकि सरकार ने यहां उनकी संभाल हेतु छोटे-छोटे स्टोर बना दिए। उन्होंने कहा कि यहां रखे गौधन की जो थोड़ी बहुत संभाल हो रही है वह दानियों व गांववासियों की सहायता से ही हो रही है। गांववासियों ने गौधन के लिए दीवार बनाने, शैड बनाने, उचित प्रबंधों के लिए गौशाला को अधिक धन देने व पक्के तौर पर कर्मचारी तैनात करने की मांग की है।