बाईपासों पर फोकस करती हैं सरकारी व निजी बसें

Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Jun, 2017 09:40 AM

government and private buses focus on bypasses

राज्य के प्रमुख नगरों के बस स्टैंड टर्मिनलों की आभा देखते ही बनती है वहीं एक राज्य से दूसरे राज्यों के लम्बे रूटों पर चलने वाली अधिकांश बसें इन बस अड्डों में जाने की बजाय बाईपास से ही गुजर जाती हैं।  इन्हीं में से एक पठानकोट बस स्टैंड टर्मिनल भी है...

 पठानकोट(शारदा): राज्य के प्रमुख नगरों के बस स्टैंड टर्मिनलों की आभा देखते ही बनती है वहीं एक राज्य से दूसरे राज्यों के लम्बे रूटों पर चलने वाली अधिकांश बसें इन बस अड्डों में जाने की बजाय बाईपास से ही गुजर जाती हैं।  इन्हीं में से एक पठानकोट बस स्टैंड टर्मिनल भी है लेकिन अंतर्राज्यीय रूटों पर चलने वाली विभिन्न प्रदेशों की यात्री बसें बस स्टैंड पर जाने की बजाय नगर के बाईपास से ही गुजरने को तरजीह देती हैं। 

इसका बड़ा कारण बस अड्डों में आने-जाने में बर्बाद होने वाला समय है, वहीं शहर में घुसने पर बदहाल टै्रफिक से भी इन बसों को दो-चार होना पड़ता है। बस अड्डे में जाकर सवारियां भरने की बजाय अंतर्राज्यीय व राज्य के परिवहन विभाग व निजी कम्पनियों की बसें नगर से सटे बाईपासों पर फोकस करती हैं तथा वहां बस का स्टॉपेज न होने के बावजूद लम्बे समय तक खड़ी रहती हैं। इससे बस मालिकों व चालकों का सवारियां भरने का कोटा तो पूरा हो जाता है परन्तु बाईपास पर लम्बे समय तक बसें बिना समय-सारिणी के खड़े रहने से आम जनता को परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है।

जम्मू-जालंधर बाईपास पर बस चालकों के बीच सवारियों को लेकर रहती है मारामारी

जम्मू-जालंधर बाईपासों पर बस चालकों का अधिक फोकस रहता है। इनमें से सबसे प्रमुख हैं चक्की पुल पर स्थित जम्मू-जालधर-डल्हौजी बाईपास, जहां सुबह से लेकर शाम तक सवारियों को लेकर सरकारी व निजी बस चालकों के बीच मारामारी रहती है वहीं, इसी स्थल पर खड़ी रहने वाली मिनी बसें समस्या को कोढ़ में खाज समान बना देती हैं। चूंकि चक्की पुल चौराहे पर एक ही  फ्लाईओवर है जिससे जालंधर की ओर जाने वाले निजी वाहन तो ऊपर से गुजर जाते हैं परन्तु अधिकांश बसें फ्लाईओवर चढऩे की बजाय नीचे से गुजरने को तरजीह देती हैं जिसका प्रमुख कारण सवारियों को भरने का लालच ही होता है। दूसरी ओर जालंधर से शहर की ओर आने वाली ट्रैफिक के लिए फ्लाईओवर नहीं है। 


इससे समूची ट्रैफिक नीचे स्थित चौराहे से ही होकर गुजरती है। इन परिस्थितियों में यहां लम्बा जाम हर समय लगा रहता है। वहीं आगे ढाकी क्षेत्र में बाईपास पर स्थिति और पेचीदा है, जहां से ट्रैफिक ने अंदर कैंट स्टेशन व शहर की ओर डायवर्ट करना होता है, ऐसे में नीचे अंडरपास व आगे रेलवे फाटक होने के कारण अक्सर जाम से जनता को जूझना पड़ता है। कई बार लम्बे समय तक ढाकी रेलवे फाटक बंद रहता है। इससे फ्लाईओवर के नीचे बाईपास पर जाम लगा रहता है। 


इससे आगे मलिकपुर बाईपास पर ट्रैफिक व यात्रियों की परेशानियों को लेकर समस्या और जटिल है। यहां सिगनल प्रणाली न होने से जालंधर से जम्मू व अमृतसर की ओर जाने वाली ट्रैफिक व यात्री बसें बेकाबू गुजरती हैं। ऐसी ही स्थिति सुजानपुर, माधोपुर व सिम्बल चौक बाईपासों पर है। दूसरे शब्दों में उक्त बाईपास मानवीय जिन्दगियों के लिए मौत के बाईपास बने हुए हैं। इस तरह यातायात नियमों को छींके पर टांगकर बस चालक दबंगई दिखाते हैं।

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