Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Oct, 2017 11:11 AM
पंजाब सरकार द्वारा एक ही झटके में 20 से कम विद्यार्थियों वाले 800 स्कूलों को बंद करने के फैसले की पंजाब की समूह अध्यापक जत्थेबंदियों ने पुरजोर शब्दों में निंदा कर कड़ा रोष जताया है।
कपूरथला(मल्ली): पंजाब सरकार द्वारा एक ही झटके में 20 से कम विद्यार्थियों वाले 800 स्कूलों को बंद करने के फैसले की पंजाब की समूह अध्यापक जत्थेबंदियों ने पुरजोर शब्दों में निंदा कर कड़ा रोष जताया है।
ई.टी.यू. (एलीमैंटरी टीचर्ज यूनियन) पंजाब के अध्यक्ष हरजिन्द्र पाल सिंह पन्नू ने कहा कि एक तरफ पंजाब सरकार सरकारी एलीमैंटरी/ प्राइमरी स्कूलों में 14 नवम्बर से प्री-नर्सरी की क्लासें शुरू करने जा रही है व दूसरी तरफ 20 से कम विद्यार्थियों वाले 800 स्कूलों को बंद करके 1600 के करीब अध्यापकों व 1000 से अधिक मिड-डे मील बनाने वाली कुक महिलाओं के रोजगार को प्रभावित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह कैप्टन सरकार के उक्त फैसले विरुद्ध डटकर संघर्ष करने को तैयार रहेंगे।
गरीब बच्चों के भविष्य पर पंजाब सरकार ने लगाया प्रश्न चिन्ह
इसी तरह ई.टी.टी. एलीमैंटरी टीचर्ज यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष जसविन्द्र सिंह सिद्धू ने कहा कि पंजाब सरकार के उक्त जन विरोधी फैसले ने सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे गरीब लोगों के बच्चों के भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है व जत्थेबंदी अब चुप करके नहीं बैठेगी, बल्कि सरकार के उक्त फैसले के विरोध में हम ख्याली अध्यापक जत्थेबंदियों के सहयोग से एक मंच पर एकत्रित होकर सरकार को अपना 800 स्कूल बंद करने के फैसले को वापस करवाने के लिए हर प्रकार का संघर्ष करेगी।
कम से कम 2 वर्ष का वॉर्निंग लैटर देना चाहिए था
अध्यापक दल पंजाब के अध्यक्ष सुखदयाल सिंह झंड ने कहा कि कैप्टन सरकार को 20 से अधिक संख्या वाले 800 स्कूलों को बंद करने का फैसला लेने से पहले उक्त स्कूलों की ग्राम पंचायतों व स्कूल के इंचार्ज को कम से कम 2 वर्ष का वॉर्निंग लैटर देना चाहिए था या फिर अपने-अपने गांवों के स्कूलों में बच्चों की संख्या 20 से अधिक करने के प्रयास करने चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चुपचाप ही 800 स्कूलों को बंद करने के लिए फैसले से पूरे पंजाब के टीचरों व आम पब्लिक में गुस्से की लहर पैदा हो गई है। वह दूसरी अध्यापक जत्थेबंदियों के साथ मिलकर कैप्टन सरकार के स्कूल बंद करने के लिए गए फैसले विरुद्ध जोरदार संघर्ष के लिए वचनबद्ध होंगे।