Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Sep, 2017 11:16 AM
एक तरफ जहां जी.एस.टी. लागू होने के बाद रेैवेन्यू क्लैक्शन बढऩे के दावे किए जा रहे हैं वहीं, उसमें से स्टेट शेयर न मिलने के कारण पंजाब
लुधियाना(हितेश): एक तरफ जहां जी.एस.टी. लागू होने के बाद रेैवेन्यू क्लैक्शन बढऩे के दावे किए जा रहे हैं वहीं, उसमें से स्टेट शेयर न मिलने के कारण पंजाब के सरकारी मुलाजिमों को अब तक वेतन नहीं मिला और इस हालात से नगर निगम कर्मी भी अछूते नहीं रहे।
2006 में कांग्रेस के कार्यकाल दौरान ही चुंगी की वसूली बंद करने का फैसला होने के बाद से निगम की आर्थिक हालत का दारोमदार वैट क्लैक्शन में से मिलने वाले हिस्से पर ही टिका हुआ है, क्योंकि यही पैसा आने पर पैंशन, लोन की किस्तों, बिजली के बिलों व मुलाजिमों को वेतन की अदायगी हो पाती है। यह राशि निगम के खर्चों के मुकाबले पूरी न पडऩे कारण वैसे ही हर समय कंगाली के हालात कायम रहते हैं और अगर कहीं सरकार से पैसा मिलने में देरी हो जाए तो वैसे ही सारा गणित गड़बड़ा जाता है।
यह हालात अब एक बार फिर निगम पर मंडरा रहे हैं। जब वैसे तो जी.एस.टी. में रैवेन्यू क्लैक्शन पहले से ज्यादा होने की खबरें आ रही हैं। लेकिन उसमें से पंजाब को हिस्सा न मिलने कारण निगम को भी बनती किस्तें नहीं आई। जिससे रूटीन खर्चों के साथ-साथ मुलाजिमों को वेतन देने का काम भी अब तक लटका हुआ है।