GST में दोगुनी हो सकती है प्रोसैसिंग फीस

Edited By Updated: 19 May, 2017 02:36 PM

goods and services tax

जी.एस.टी. कौंसिल किस आइटम स्तर पर टैक्स लगाने का फैसला शुक्रवार तक ले सकती, क्योंकि इस संबंध में कौंसिल की बैठक श्रीनगर में

लुधियाना (सेठी): जी.एस.टी. कौंसिल किस आइटम स्तर पर टैक्स लगाने का फैसला शुक्रवार तक ले सकती, क्योंकि इस संबंध में कौंसिल की बैठक श्रीनगर में वित्त मंत्री अरुण जेतली की अध्यक्षता में और देश के तमाम राज्यों के वित्त मंत्रियों व विशेषज्ञों के साथ हो रही है। वहीं एक अन्य फैसला भी लिया जा सकता है, जिससे देश के 84 लाख वैट डीलरों पर अतिरिक्त बोझ भी पड़ सकता है। पता चला है कि वैट की तर्ज पर इस नई कर प्रणाली में भी प्रोसैसिंग फीस लगाई जा सकती है। जो वर्तमान समय में 800, 1500, 2500 व 5000 रुपए है, जिसे जी.एस.टी. में दोगुना किया जा सकता है। 

यह प्रोसैसिंग फीस ऑनलाइन रिटर्न प्रोसैस करने जैसे कामों के लिए ली जाती है। जी.एस.टी.-एन (नैटवर्क) में 24.5 फीसदी राज्यों व 24.5 फीसदी केन्द्र का शेयर है, जबकि 51 फीसदी का शेयर एल.आई.सी., एच.डी.एफ.सी., आई.सी.आई.सी.आई. अर्थात प्राइवेट सैक्टर का है इसलिए मैनेजमैंट पर प्राइवेट सैक्टर का अधिकार अधिक है और वे काम करने का खर्चा लेंगे, जिसका खामियाजा कारोबारियों को भुगतना पड़ेगा। प्रोसैसिंग फीस कितनी लगानी है, यह प्राइवेट सैक्टर पर ही निर्भर करता है, जबकि पूर्व वर्ष में 5 रिटर्न भरी जाती थी परंतु नई कर प्रणाली में साल में 37 रिटर्न भरी जाएंगी। 

इसका एडिशनल बोझ कारोबारियों पर पड़ेगा। नई प्रणाली में 1.5 करोड़ की असैस्मैंट केसों को राज्य देखेंगे, जबकि 10 फीसदी केन्द्र इनकी असैस्मैंट करेंगे। फाइनांस सचिव हंसमुख आद्या के अनुसार 90 फीसदी और 10 फीसदी केसों को स्क्रूटनिस करने में क्लेश नहीं होगा। यहां सवाल यह है कि केसों की असैस्मैंट के लिए राज्यों का कार्यालय अलग होगा या एक होगा। इसी प्रकार 1.5 से ऊपर के केस समानान्तर यानी कि 50-50 किए जाएंगे।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!