Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jan, 2018 09:45 AM
टैक्स चोरी को रोकने के लिए जहां केंद्र सरकार नए-नए तरीके अपना रही है, वहीं दूसरी तरफ टैक्स से बचने के लिए व्यापारी भी अलग-अलग तरीके खोज रहे हैं। व्यापारियों व उद्योगपतियों पर नई मार केंद्र सरकार ने जी.एस.टी. (गुड्स सर्विस टैक्स) की मारी है। कई...
जालंधर(रविंदर शर्मा): टैक्स चोरी को रोकने के लिए जहां केंद्र सरकार नए-नए तरीके अपना रही है, वहीं दूसरी तरफ टैक्स से बचने के लिए व्यापारी भी अलग-अलग तरीके खोज रहे हैं। व्यापारियों व उद्योगपतियों पर नई मार केंद्र सरकार ने जी.एस.टी. (गुड्स सर्विस टैक्स) की मारी है। कई महीनों से व्यापारी जी.एस.टी. को लेकर परेशान हैं मगर अब उन्होंने जी.एस.टी. से बचने के लिए नया तरीका निकाल लिया है। इस सिस्टम में अलग-अलग टैक्स रेट्स ने व्यापारियों को जैसे टैक्स चोरी का हथियार थमा दिया है। टैक्स अधिकारी मानते हैं कि कपड़ों के मामले में कई छोटे बिजनैसमैन 1000 रुपए से ऊपर की कीमत वाले शट्र्स के 500-600 रुपए के 2 बिल बना रहे हैं, ताकि उन्हें 12 प्रतिशत की बजाय 5 प्रतिशत टैक्स देना पड़े। ज्ञात रहे कि 1000 रुपए से ऊपर के गारमैंट्स पर 12 प्रतिशत, जबकि इससे कम कीमत के रैडीमेड कपड़ों पर 5 प्रतिशत जी.एस.टी. लागू है। इतना ही नहीं, व्यापारियों ने जी.एस.टी. लागू होने से पहले 1000 रुपए से थोड़ी ज्यादा कीमत वाले गारमैंट्स के दाम घटाकर 1000 रुपए से कम कर दिए, ताकि उन्हें कम टैक्स देना पड़े। अलग-अलग टैक्स दरें होना ऐसे व्यापारियों के लिए टैक्स चोरी का आसान जरिया बन गया है।
कम्पोजिशन स्कीम के सहारे भी हुई टैक्स चोरी
नवम्बर महीने में टैक्स कलैक्शन घटकर काफी कम हो गया था, जिसकी वजह टैक्स चोरी को माना जा रहा है। कई व्यापारियों ने कम्पोजिशन स्कीम का सहारा लेकर टैक्स चोरी की, जबकि यह स्कीम छोटे व्यापारियों, मन्युफैक्चरर्स और रैस्टोरैंट्स को सहूलियत देने के लिए लाई गई थी। टैक्स चोरी से टैक्स क्रैडिट्स का दुरुपयोग भी टैक्स कलैक्शन में बड़ा झटका लगा रहा है। इस काम में दिल्ली सबसे आगे है। इसके लिए फर्जी इनवॉयस तैयार करने वाला एक रैकेट काम कर रहा है, जो वैसे व्यापारियों के लिए इनवॉयस बना देता है, जो योग्य नहीं होने के बाद भी इनपुट टैक्स क्रैडिट चाहते हैं।
माल ढुलाई के लिए रेलवे का सहारा
कंसल्टैंट और टैक्स अधिकारी बताते हैं कि कपड़ों और बर्तनों के कुछ व्यापारी टैक्स से बचने के लिए रेलवे का इस्तेमाल कर रहे हैं। दरअसल ट्रकों से सामान लाने पर रास्ते में उसकी चैकिंग हो जाती है, मगर रेलगाड़ी से माल ढुलाई पर चैकिंग की गुंजाइश लगभग खत्म हो जाती है और व्यापारी टैक्स देने से बच जाते हैं। इसके लिए रेलवे में भी एक पूरा माफिया काम कर रहा है, जो इस काम में व्यापारियों की पूरी मदद कर रहा है।
एक इनवॉयस पर 3 बार दिल्ली चला जाता है सामान
ट्रकों से माल लाने के मामले में पंजाब के कुछ व्यापारी टैक्स बचाने की कला में माहिर हो गए हैं। इंडस्ट्री के कुछ लोगों का कहना है कि कुछ व्यापारी एक ही इनवॉयस पर & बार सामान दिल्ली पहुंचा देते हैं। एक टैक्स कंसल्टैंट का कहना है कि मैं नहीं जानता कि एक ही इनवॉयस को & बार क्यों इस्तेमाल किया जाता है? मगर इंडस्ट्री में यही चलन है।
कच्चा व पक्का बिल भी पकड़ा
एक सीनियर अधिकारी ने दो तरह के बिल (एक क"ाा और दूसरा पक्का)पकड़े। टैक्स अधिकारी रास्ते में जांच न करें तो व्यापारी पक्का बिल फैंक देते हैं। अ‘छी बात यह है कि ई-वे बिल लागू हो रहा है, जिसमें इस तरह की टैक्स चोरी थोड़ी मुश्किल हो जाएगी। अधिकारियों का मानना है कि इससे सरकार देश में सामान की आवाजाही पर अ‘छे से नजर रख पाएगी, जिससे टैक्स चोरी के मामलों पर बहुत हद तक लगाम लग जाएगी।