Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Nov, 2017 10:01 AM
वैट रिफंड के चक्रव्यूह में फंसे कारोबारियों की सारी पूंजी अब जी.एस.टी. के रूप में सरकार के पास जमा होने लगी है जिस कारण उद्योग जगत के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। इंडस्ट्री के दुखड़े रोने के लिए उद्योग जगत की प्रमुख संस्था ज्वाइंट एक्शन कमेटी के...
जालंधर (खुराना): वैट रिफंड के चक्रव्यूह में फंसे कारोबारियों की सारी पूंजी अब जी.एस.टी. के रूप में सरकार के पास जमा होने लगी है जिस कारण उद्योग जगत के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। इंडस्ट्री के दुखड़े रोने के लिए उद्योग जगत की प्रमुख संस्था ज्वाइंट एक्शन कमेटी के पदाधिकारियों ने आज कन्वीनर गुरशरण सिंह के नेतृत्व में जालंधर के कांग्रेसी सांसद और विधायकों से मुलाकात की।
इस अवसर पर सांसद चौधरी संतोख सिंह के अलावा विधायक परगट सिंह व राजेन्द्र बेरी उपस्थित हुए। गुरशरण ने कहा कि पंजाब सरकार ने व्यापारियों का वैट रिफंड रोक रखा है। अकेले जालंधर में ही वैट रिफंड की राशि 109 करोड़ है जो वर्षों से रिलीज नहीं की जा रही। दीवाली से पहले अपने नम्बर बनाने के लिए पंजाब सरकार ने जालंधर को 11 करोड़ रुपए की राशि रिलीज की थी ताकि दीवाली गिफ्ट के रूप में व्यापारियों को वैट रिफंड दिया जा सके। उन्होंने बताया कि विभाग ने फाइलें क्लीयर करके तथा वाऊचर बनाकर खजाने को भेज दिए हैं जिसने अभी तक एक भी पैसा रिलीज नहीं किया है।
गुरशरण ने बताया कि जी.एस.टी. लागू होने के बाद उद्योग जगत की कमर टूट गई है क्योंकि उन्हें एडवांस में टैक्स जमा करवाना पड़ रहा है। ऐसे में कारोबारियों की सारी पूंजी सरकार के पास जमा हो गई है। जी.एस.टी. रिफंड कब मिलेगा इसका कोई अता-पता नहीं है जिस कारण इंडस्ट्री बंद होने की कगार पर पहुंच चुकी है, अगर कुछ देर यही सिलसिला रहा और वैट तथा जी.एस.टी. रिफंड न मिले तो फैक्टरियों को ताला लगाकर चाबियां कांग्रेस सरकार को सौंप दी जाएंगी।