Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Feb, 2018 01:36 PM
गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर (जी.एन.डी.यू.) उत्तरी भारत की नंबर-1 यूनिवर्सिटी बन गई है। नैक की रिपोर्ट आने के बाद यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (यू.जी.सी.) ने जी.एन.डी.यू. को कैटागरी-1 का दर्जा दिया है। इसके बाद इस यूनिवर्सिटी को ज्यादा...
पटियाला (राजेश): गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर (जी.एन.डी.यू.) उत्तरी भारत की नंबर-1 यूनिवर्सिटी बन गई है। नैक की रिपोर्ट आने के बाद यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (यू.जी.सी.) ने जी.एन.डी.यू. को कैटागरी-1 का दर्जा दिया है। इसके बाद इस यूनिवर्सिटी को ज्यादा आत्मनिर्भरता मिलती है। नैशनल असैस्मैंट एंड एक्रीडेशन कौंसिल (नैक) ने गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी को 5 अंकों में 3.51 अंक दिए हैं जबकि पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला को 3.34 और पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ को 3.35 अंक दिए हैं। 3.51 अंक लेने के साथ जी.एन.डी.यू. को कैटागरी-1 का दर्जा मिल गया है।
यह यूनिवर्सिटी पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और चंडीगढ़ रीजन में से नंबर-1 यूनिवर्सिटी बन गई है। कैटागरी-1 में आने से यूनिवर्सिटी को अधिक आत्मनिर्भरता मिल गई है। अब यूनिवर्सिटी को नए विभाग खोलने, नए कोर्स चलाने, डिस्टैंस एजुकेशन के कोर्स चलाने के अलावा विदेशी अध्यापकों की भर्ती करने के लिए यू.जी.सी. और किसी अन्य संस्था की मंजूरी लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी और ज्यादा पावर मिलने कारण अब यह अधिकार यूनिवर्सिटी के अपने पास ही आ गए हैं।
इस संबंधी बात किए जाने पर यूनिवर्सिटी के वी.सी. डा. जसपाल सिंह ने कहा कि यूनिवर्सिटी को यह सम्मान मिलने के बाद उसकी जिम्मेदारी और बढ़ गई है। दूसरी तरफ पंजाबी यूनिवर्सिटी के वी.सी. डा. बी.एस. घुम्मण ने बताया कि पंजाबी यूनिवर्सिटी बेशक कैटागरी-1 में नहीं आ सकी परन्तु कैटागरी-2 में आने से यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने नैक की एक्रीडेशन-ए की श्रेणी 2 के अंतर्गत पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला को अकादमिक आत्मनिर्भरता दे दी है। यू.जी.सी. ने नोटीफिकेशन जारी करते हुए पंजाबी यूनिवर्सिटी को पहले से चल रहे कोर्सों के अलावा नए कोर्स शुरू करने, नए विभाग स्थापित करने, नए स्कूल, नए सैंटर और नए भारी डिवैल्पमैंट कोर्स शुरू करने के अधिकार के दिए हैं।
यूनिवर्सिटी अब यह यू.जी.सी. की बिना मंजूरी के शुरू कर सकेगी। प्रो. बी.एस. घुम्मण ने बताया कि अब पंजाबी यूनिवर्सिटी यू.जी.सी. और केंद्र सरकार के विषय संबंधित नियमों की मंजूरी लिए बिना विदेशी फैकल्टी की सेवाओं को अपने फंडों के साथ सीधे तौर पर हासिल कर सकेगी, जिसमें विदेश की शिखर की 500 यूनिवर्सिटीयों का स्टाफ शामिल है।