Edited By Updated: 28 Feb, 2017 02:11 PM
लादियां के साथ लगते इलाकों में बन रही अवैध कालोनियों पर ग्लाडा द्वारा कार्रवाई करने के दौरान जमकर हंगामा हुआ। जिसके तहत कुछ प्रभावित कालोनाइजरों ने पिक एंड चूज पालिसी अपनाने के आरोप में अफसरों का घेराव भी किया।जानकारी के मुताबिक ई.ओ. रैगुलेटरी...
लुधियाना (हितेश): लादियां के साथ लगते इलाकों में बन रही अवैध कालोनियों पर ग्लाडा द्वारा कार्रवाई करने के दौरान जमकर हंगामा हुआ। जिसके तहत कुछ प्रभावित कालोनाइजरों ने पिक एंड चूज पालिसी अपनाने के आरोप में अफसरों का घेराव भी किया।जानकारी के मुताबिक ई.ओ. रैगुलेटरी हरप्रीत सेखों की अगुवाई वाली टीम ने हंबड़ा रोड से लाडोवाल तक जाने वाली सड़क पर बन रही आधा दर्जन से ज्यादा कालोनियों को निशाना बनाया।
अफसरों के मुताबिक यह कालोनियां विभाग से मंजूरी लिए बिना अवैध रूप से बन रही हैं। न ही उन्होंने रैगुलराइजेशन पालिसी के तहत फीस जमा करवाकर आवेदन किया है। जिस कारण इन कालोनियों में बनी सड़कों, सीवरेज मैनहोल व स्ट्रीट लाइट के खम्भे बुल्डोजर से उखाड़ फैंके। इससे प्रभावित कालोनाइजरों ने बड़ी संख्या में इकट्ठे होकर कार्रवाई का विरोध किया।
उनका कहना था कि एक कालोनी की रैगुलराइजेशन के लिए जमा करवाई एक लाख की फीस की रसीद दिखाने का इंतजार किए बिना ही कार्रवाई करके नुक्सान पहुंचाया गया। कालोनाइजरों का गुस्सा इस बात को लेकर भी था कि उनको पुलिस केस दर्ज करवाने तथा रजिस्ट्री व बिजली कनैक्शन बंद करवाने की चेतावनी दी जा रही है। जबकि कार्रवाई के दौरान अधिकारी जिस सड़क से गुजरे, उसके रास्ते बनी कई अन्य अवैध कालोनियों को नजरअंदाज कर दिया।
हालांकि अफसरों ने कार्रवाई के बिना छोड़ी गई एक कालोनी की मंजूरी के लिए फाइलें आफिस में जमा होने की दलील दी। लेकिन विरोध करने वाले नहीं माने। उनके मुताबिक जितना एरिया संबंधित कालोनी का मंजूर है, उससे कहीं ज्यादा प्लाटिंग की गई है। कालोनाइजरों के मुताबिक 2013 से पहले बनी कालोनियों को रैगुलर नहीं किया जा सकता। जबकि एक कालोनी में 2016 में खरीदी गई जमीन पर कालोनी काटकर रैगुलर करने की कार्रवाई कैसे हो सकती है। इसके बावजूद अफसर नहीं माने तो कालोनाइजर ने उनका घेराव कर लिया।
इस दौरान अफसरों पर मिलीभगत करके अवैध कालोनियां बनवाने व उन पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाने के मुद्दे पर दोनों पक्षों में तीखी नोंक-झोंक भी हुई। कालोनाइजरों द्वारा नारेबाजी करने पर माहौल तनावपूर्ण होता देख ग्लाडा अफसरों ने पुलिस बुला ली और उनकी मदद से ही मौके से निकलने में कामयाब हुए। कालोनाइजरों ने चेतावनी दी कि अफसरों के इस रवैये को लेकर वो चुप नहीं बैठेंगे। बल्कि ग्लाडा आफिस के बाहर धरना दिया जाएगा।