झूठे केसों बारे गिल आयोग ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Aug, 2017 12:13 AM

gill commission submits its interim report to the chief minister on false cases

अकालियों के शासनकाल में कांग्रेसियों व अन्य लोगों पर दर्ज झूठे केसों को लेकर पंजाब सरकार द्वारा

जालंधर(धवन): अकालियों के शासनकाल में कांग्रेसियों व अन्य लोगों पर दर्ज झूठे केसों को लेकर पंजाब सरकार द्वारा गठित गिल आयोग ने बुधवार को अपनी अंतरिम रिपोर्ट मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह को सौंप दी। आयोग के प्रमुख जस्टिस (सेवानिवृत्त) मेहताब सिंह गिल द्वारा कै. अमरेन्द्र सिंह को सौंपी रिपोर्ट में अभी तक 172 केसों की समीक्षा की गई है। आयोग को कुल 4200 झूठे केसों को लेकर शिकायतें प्राप्त हुई थीं। 

रिपोर्ट मिलने के बाद मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह ने गृह तथा न्यायिक विभाग को जस्टिस गिल आयोग की जांच रिपोर्ट की सिफारिशों की समीक्षा करने व उसे समयबद्ध ढंग से लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने आयोग को निर्देश दिए कि वह रिपोर्ट को लागू करने के मामले पर पूरी नजर रखे। उन्होंने इस संबंध में गृह विभाग के सचिव तथा प्रॉसीक्यूशन विभाग के डायरैक्टर की मदद लेने के निर्देश दिए। सरकारी हलकों ने बताया कि अब जिला स्तर पर गृह विभाग द्वारा संबंधित जिला मैजिस्ट्रेटों तथा जिला अटार्नियो को नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में नोडल अधिकारी नियुक्त करने के लिए हरी झंडी दे दी। 

नोडल अधिकारी इन केसों के संबंध में आगे कार्रवाई करके आयोग की मार्फत सरकार को सूचित करेंगे। उन्होंने बताया कि 79 केसों की समीक्षा गिल आयोग ने की है। भारत सरकार के इन्फोर्समैंट विभाग ने भी इन केसों को झूठा करार दिया। 19 अन्य मामलों में आयोग ने एफ.आई.आर. को रद्द करने तथा अभियुक्तों के खिलाफ दर्ज केसों को वापस लेने की सिफारिश की। इस संबंध में गृह तथा न्यायिक विभाग द्वारा संबंधित अदालतों को कानूनी प्रक्रिया अपनाते हुए एफ.आई.आर. रद्द करने की सिफारिश की जाएगी। आयोग ने सिफारिश की है कि जिन मामलों में अदालत द्वारा केसों को रद्द करने की सिफारिश को स्वीकार किया जाएगा उसमें शिकायतकत्र्ता के खिलाफ धारा 182 आई.पी.सी. के तहत कार्रवाई होगी।

कुछ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश
आयोग ने कहा है कि झूठे केस दर्ज करवाने वाले लोगों को बख्शा नहीं जाएगा तथा आम नागरिकों को अनावश्यक ज्यादतियों से बचाया जाएगा। अन्य मामलों में आयोग ने शिकायतकत्र्ता के खिलाफ कार्रवाई करने तथा बेगुनाह लोगों को जांच अधिकारी से पर्याप्त मुआवजा दिलवाने की सिफारिश की। कुछ मामलों में गिल ने झूठे केस दर्ज करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की है, चाहे ये अधिकारी डी.एस.पी. स्तर के अधिकारी क्यों न हों। जस्टिस गिल ने यह भी कहा कि सरकार इस बात को यकीनी बनाए कि साफ रिकार्ड व निष्ठा वाले पुलिस अधिकारियों को ही अहम पदों पर नियुक्त किया जाए। आयोग ने अभी तक सैक्शन 173 सी.आर.पी.सी. के तहत अंतिम रिपोर्ट नहीं सौंपी है। 

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