'देसी घी को GST के दायरे से बाहर रखा जाए'

Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 May, 2017 07:56 AM

ghee should be excluded from the purview of gst

डेयरी एसो. जालंधर के पदाधिकारियों ने केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली से मांग की कि वे देसी घी को जी.एस.टी. के दायरे से बाहर रखें, क्योंकि देसी घी का प्रयोग जहां घरेलू उपयोग में आता है......

जालंधर (धवन): डेयरी एसो. जालंधर के पदाधिकारियों ने केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली से मांग की कि वे देसी घी को जी.एस.टी. के दायरे से बाहर रखें, क्योंकि देसी घी का प्रयोग जहां घरेलू उपयोग में आता है, वहीं प्रत्येक गुरुद्वारे व मंदिर में भी देसी घी का प्रयोग प्रसाद बनाने में किया जाता है। लोगों की धार्मिक भावनाओं को देखते हुए भारत सरकार को देसी घी को जी.एस.टी. के अधीन नहीं लाना चाहिए, क्योंकि पहले ही देसी घी के दाम आसमान छू रहे हैं। डेयरी एसो. के अध्यक्ष जगदेव लाल शर्मा ने बताया कि भारत सरकार जी.एस.टी. को 1 जुलाई से लागू करने जा रही है, इसलिए संभवत: ब्रांडेड कम्पनियों द्वारा बेचे जाने वाले देसी घी पर जी.एस.टी. लागू कर दिया जाए, जिसका बोझ आम जनता व धार्मिक संस्थाओं पर पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि दूध पहले ही 50 रुपए प्रतिकिलो तक पहुंच चुका है, जिस कारण देसी घी के दाम भी काफी तेज चल रहे हैं। अगर इस पर जी.एस.टी. लगा दिया गया तो देसी घी और महंगा हो जाएगा।  अभी भी कई राज्यों में ब्रांडेड कम्पनियां द्वारा बेचे जाने वाले देसी घी पर वैट लागू है, जिस कारण इसका बोझ आम जनता को सहन करना पड़ रहा है। डेयरी एसो. चाहती है कि दूध व देसी घी पूरी तरह से जी.एस.टी. के घेरे से बाहर रहे। 

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