दुकानों पर बिकते घटिया क्वालिटी के सिलैंडर बन रहे मौत का कारण

Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Sep, 2017 01:34 PM

gas cylinder blast

गांव मेहरबान में हुए गैस सिलैंडर विस्फोट कांड के बाद भी स्थानीय सिविल प्रशासन व पुलिस अधिकारियों द्वारा कोई सीख नहीं ली गई है।

लुधियाना (खुराना): गांव मेहरबान में हुए गैस सिलैंडर विस्फोट कांड के बाद भी स्थानीय सिविल प्रशासन व पुलिस अधिकारियों द्वारा कोई सीख नहीं ली गई है। नतीजतन आज भी शहरभर में गैस चूल्हे रिपेयर करने की आड़ में अधिकतर दुकानदार खासकर प्रवासी परिवारों की जान-माल से खिलवाड़ करने के लिए छोटे गैस सिलैंडरों के नाम पर उन्हें बारूद परोस रहे हैं, जिसे देखकर अब आम पब्लिक में यह चर्चा छिड़ गई है कि संबंधित विभागों के अधिकारी शायद एक बार फिर से नगर में सांप निकल जाने के बाद लकीर पीटने की नीति अपनाने के मूड में हैं।   

मजबूरन खरीद लेते हैं जरूरतमंद परिवार 
आमतौर पर किराए के कमरों में रहने वाले प्रवासी मजदूरों व जरूरतमंद परिवारों को मकान मालिक अपने कमरे में लकड़ी, कच्चा कोयला व अंगीठी आदि जलाने की आज्ञा इसलिए नहीं देते, क्योंकि इन पदार्थों के जलाने के कारण फैलने वाले धुएं से उनके मकान की दीवारें जल्द खराब होने का डर बना रहता है। लिहाजा मजबूरन किराएदारों को बाजार से दो नंबर वाले गैस सिलैंडर खरीद कर गुजारा करना पड़ता है, जोकि कुछ समय बाद ही फट जाने पर कई बेगुनाह जिंदगियों को मौत की कगार पर ला खड़ा करते हैं, जिसकी ताजा मिसाल हम सबके सामने मेहरबान गांव में हुए गैस सिलैंडर विस्फोट के कारण गंभीर घायल हुए 5 लोगों के रूप में है। 

3-4 किलो की क्षमता वाले  सिलैंडर पतली चादर से निर्मित होते हैं 
यहां बताना अनिवार्य होगा कि उक्त गैर-कानूनी ढंग से तैयार किए गए छोटे गैस सिलैंडर 3-4 किलो की क्षमता के यू.पी. राज्य से महानगर में चोरी-छिपे लाए जाते हैं, जोकि बहुत ही पतली लोहे की चादर के यू.पी. के कई शहरों में घरों में ही तैयार किए जाते हैं, जो किसी भी समय फट सकते हैं लेकिन बावजूद इसके अधिकतर दुकानदार मोटा मार्जन कमाने के चक्कर में खरीदार को कई प्रकार की बातों के जाल में फंसाकर उनके रसोईघरों में छोटे गैस सिलैंडर के नाम पर मौत का सामान पहुंचा रहे हैं।जानकारी के मुताबिक उक्त सिलैंडरों की डिलीवरी देने वाले दलाल सिलैंडरों को बोरियों व गत्ते के कार्टून आदि में छुपा कर रेलगाड़ी अथवा बस की छत पर रखकर लाते हैं। उक्त सारा माल बगैर किसी बिल के ही शहर में पहुंचता है और पकड़े जाने पर थोड़े-बहुत पैसे देकर मामला रफा-दफा हो जाता है। 

इलाके में तैनात कर्मी व अधिकारी की होगी जवाबदेही : डी.एफ.एस.सी. 
इस संबंध में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के कंट्रोलर सुरिंद्र कुमार बेरी ने कहा कि वह विभागीय कर्मचारियों की टीमें बनाकर शहर में बिक रह दो नंबर वाले सिलैंडर बेचने वाले दुकानदारों पर सख्त कार्रवाई करेंगे। जिस इलाके में गैस ब्लैक व विस्फोट आदि जैसी घटनाएं घटित होंगी, उसकी जवाबदेही विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों से की जाएगी।   

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