Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Sep, 2017 01:06 PM
राहों रोड स्थित गांव मेहरबान में सोमवार को एक गैस सिलैंडर में हुए विस्फोट के कारण भड़की आग में झुलसे 5 लोगों में से 3 की हालत नाजुक बनी हुई है
लुधियाना(खुराना): राहों रोड स्थित गांव मेहरबान में सोमवार को एक गैस सिलैंडर में हुए विस्फोट के कारण भड़की आग में झुलसे 5 लोगों में से 3 की हालत नाजुक बनी हुई है, जोकि सी.एम.सी. अस्पताल के बर्न वार्ड में जिंदगी और मौत के बीच लड़ाई लड़ रहे हैं। घायलों के बयान रिकार्ड करने के लए आज जिला मैजिस्ट्रेट ने अस्पताल का दौरा किया।
इस दौरान गांव के लोगों ने पत्रकारों को कुछ चौंकाने वाली जानकारी देते हुए दावा किया कि उक्त हुए शक्तिशाली धमाके के कारण मौके पर मौजूद लोगों के चिथड़े हवा में उडऩे लगे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक कई घायलों के हाथ व उंगलियां तक शरीर से अलग हो गई हैं। आज दिन भर सी.एम.सी. अस्पताल में भारी संख्या में जुटे गांव के लोगों ने इस बात को लेकर विरोध जताया कि उन्होंने पहले ही दुकान के मालिक को आरोपी किराएदार को दुकान किराए पर देने के लिए मना किया था लेकिन दुकान मालिक ने ज्यादा किराए के लालच में कई मासूम व बेगुनाह लोगों की जान की परवाह किए बगैर गैस माफिया से जुड़े कथित आरोपी किराएदार को दुकान दी है।
दर्जनों इलाकों में गैस माफिया चला रहे नाजायज गैस फिलिंग स्टेशन
गांव मेहरबान में हुए गैस सिलैंडर धमाके के कारण छाए मौत के तांडव से जहां गांव वासी बुरी तरह से सहमे हुए है वहीं दूसरी ओर शहर के अधिकतर इलाकों में घरेलू गैस ने नाजायज फिङ्क्षलग स्टेशन आज भी बेखौफ घरेलू गैस की कालाबाजारी में मसरूफ दिखाई दिए। बता दें कि शहर के ज्यादा आबादी वाले इन इलाकों में बाकायदा घरेलू गैस कारोबार से जुड़े माफिया में भारी कम्पीटिशन का दौर चल रहा है जिसके लिए बकायदा कालाबाजारियों ने अपने घरों व दुकानों के बाहर फलैक्स आदि पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा हुआ है कि यहां पर सिलैंडर में गैस भरी जाती है।
कैसे बच जाते हैं पुलिस की पैनी नजर से मौत के कारोबारी
ऐसे में सवाल पैदा होता है कि हर समय चाक-चौबंद रहने का दम भरने वाले इन पुलिस अधिकारियों की पैनी आंख से आखिर मौत के ये सौदागर कैसे बच पा रहे हैं। क्या उन्हें अपने इलाके में लगे मौत के कारोबार की वह फलैक्स नजर नहीं आती है या फिर वे जानबूझ कर अपनी आंख बंद किए बैठे हैं, जबकि इस मामले को लेकर गत समय प्रकाशित समाचार संबंधी अपने दिए गए बयान में डी.सी.पी. ध्रुमन निंबले व तत्कालीन ए.डी.सी. रहे ऋषि पाल सिंह ने ऐसे मौत के कारोबारियों पर तुरंत एक्शन लेनी की बात कही थी जोकि मात्र खोखले दावे की भांति साबित हुई है।