Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Dec, 2017 12:11 PM
जिला मैजिस्ट्रेट एवं जिलाधीश के निर्देश पर खाद्य एवं अपूर्ति विभाग ने विभिन्न गैस एजैंसियों को साथ लेकर रेहडिय़ों, ढाबे व छाबे वालों पर छापेमारी कर दर्जनों सिलैंडर बरामद किए। विभाग की टीम में शामिल सहायक खाद्य एवं अपूर्ति कंट्रोलर त्रिलोक राय के...
बठिंडा (विजय): जिला मैजिस्ट्रेट एवं जिलाधीश के निर्देश पर खाद्य एवं अपूर्ति विभाग ने विभिन्न गैस एजैंसियों को साथ लेकर रेहडिय़ों, ढाबे व छाबे वालों पर छापेमारी कर दर्जनों सिलैंडर बरामद किए। विभाग की टीम में शामिल सहायक खाद्य एवं अपूर्ति कंट्रोलर त्रिलोक राय के नेतृत्व में लगभग आधा दर्जन कर्मचारियों ने आर्य समाज चौक, धोबी बाजार, रेलवे स्टेशन सहित अन्य स्थानों पर दबिश दी।
आर्य समाज चौक में लगी रेहडिय़ों से लगभग 15 सिलैंडर उठाए गए जो सबसिडी के थे जबकि व्यापारिक संस्थानों पर कमर्शियल गैस का उपयोग अनिवार्य है लेकिन ये लोग गैस एजैंसियों से ब्लैक में या घरेलू सबसिडी के गैस सिलैंडर का उपयोग कर रहे थे। जैसे ही यह छापामारी शुरू हुई तो इसकी सूचना अन्य बाजारों व दुकानदारों के पास पहुंच गई तो उन्होंने तुरंत अपने सिलैंडर हटा दिए। कुछ दुकानदारों ने तो गैस सिलैंडर की कई कापियां बना रखी हैं जिनके आधार पर वे सिलैंडर लेकर व्यापारिक स्थलों पर उसका उपयोग करते हैं।
कुछ रेहड़ी वालों ने बताया कि वे बिना सबसिडी का सिलैंडर एजैंसी से खरीद कर लाते हैं। एजैंसियों पर बिना सबसिडी वाला सिलैंडर बेचने पर कोई रोक नहीं जिसका फायदा छोटे दुकानदार उठा रहे हैं। घरेलू सिलैंडर की कीमत लगभग 780 रुपए है जिस पर 340 रुपए सबसिडी है। जबकि कमर्शियल सिलैंडर जिसमें 19 किलो गैस होती है, की कीमत 1200 रुपए से अधिक है। ऐसे में यह दोगुने भाव पर पड़ता है जिसका नाजायज फायदा उठाया जा रहा है। खाद्य विभाग के अधिकारी का कहना है कि यह छापेमारी लगातार चलेगी और किसी भी कीमत पर घरेलू सिलैंडर का व्यापारिक उपयोग नहीं होने दिया जाएगा।