Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Dec, 2017 05:48 PM
नाभा रोड पर स्थित 190 घरों वाली महाराजा यादविंदरा एन्क्लेव पंजाब की पहली गारबेज फ्री (कूड़ा मुक्त) कॉलोनी बन गई है।
पटियालाः नाभा रोड पर स्थित 190 घरों वाली महाराजा यादविंदरा एन्क्लेव पंजाब की पहली गारबेज फ्री (कूड़ा मुक्त) कॉलोनी बन गई है। कॉलोनी के सभी घरों ने कूड़ा डंप करने की बजाय इकट्ठा कर खाद बनानी शुरू कर दी है। केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत अभियान के मिशन को इस कॉलोनी ने कामयाब बनाया है। निगम के बागबानी ब्रांच के एक्सईएन दिलीप कुमार और स्वच्छ भारत अभियान के को-आर्डिनेटर अमन सेखों ने बताया, 24 नवंबर को कॉलोनी के लोगों ने अभियान की शुरुआत की है।
सेखों ने बताया, पहले फेज में लोगों को समझाया गया कि घरों से निकलने वाला कूड़ा 3 तरह का होता है। गिला कूड़ा जिसमें बचा खाना, फ्रूट्स-सब्जियों के छिलके, अंडों के छिलके इत्यादि होते हैं। सूखे कूड़े में गत्ता, कागज, पॉलीथीन, प्लास्टिक आता है। तीसरा हानिकारक कूड़ा जिसमें नैपकिन, महिलाओं के यूज होने वाले पैड, डाइपर वगैरहा आता है। इनमें गिले कूड़े से खाद बनाई जा सकती है। जानवरों का चारा तैयार किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि पब्लिक तैयार हुई तो इलाके में ही निगम की खाली पड़ी जगह में खाद तैयार करने वाला यूनिट लगा दिया। निगम ने सफाई कर्मियों को घर-घर से कूड़ा इकट्ठा करने का काम सौंपा। अब यहां गिले कूड़े से खाद तो सूखा कूड़ा कबाड़ियों को सेल किया जा रहा है। हानिकारक कूड़े को उठाने के लिए लुधियाना की एक बायोमेडिकल वेस्ट उठाने वाली फर्म से एग्रीमेंट किया है।
अमन सेखों ने बताया, 190 घरों से रोजाना 1 क्विंटल कूड़ा एकत्र हो रहा है। खाद तैयार करने वाली यूनिट में 2 किट्स बनाई हैं। एक किट में 3 टन कूड़ा एकत्र हो जाता है। आम तौर पर खाद 30 दिनों में तैयार हो जाती है, लेकिन इलाके के लोगों ने एग्रीकल्चर सेंटर पंचकूला से डी-कंपोस्टर खरीदा है जो 21 दिनों में कूड़े से खाद तैयार कर देता है।