Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Nov, 2017 03:35 PM
पंजाब में एक दशक तक चले आतंकवाद के खात्मे के बाद कुछ वर्ष अमन-शांति के साथ रह रही पंजाब की जनता इस समय गैंगस्टरों से बेहद परेशान है। बहुत तेजी एवं योजनाबद्ध ढंग से पंजाब के करीब-करीब हर जिले में पैर जमा कर बैठे गैंगस्टर अपनी गतिविधियों को अंजाम दे...
फिरोजपुर(मल्होत्रा): पंजाब में एक दशक तक चले आतंकवाद के खात्मे के बाद कुछ वर्ष अमन-शांति के साथ रह रही पंजाब की जनता इस समय गैंगस्टरों से बेहद परेशान है। बहुत तेजी एवं योजनाबद्ध ढंग से पंजाब के करीब-करीब हर जिले में पैर जमा कर बैठे गैंगस्टर अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। आए दिन आम जनता से लूटपाट के साथ बैंक डकैतियां, किडनैपिंग की घटनाएं बढ़ रही हैं जिसके चलते पंजाब वासी भयभीत हैं और लोगों के मन में एक बात फिर घर कर रही है कि कहीं पंजाब पुन: आतंकवाद की आग में न झुलस जाए।
सूत्रों के अनुसार गैंगस्टरों का नैटवर्क राजनीतिक, पुलिस प्रशासन और यहां तक कि न्यायपालिका के कुछ क्षेत्रों में घुसपैठ कर चुका है और अपनी मनमर्जी से काम करवाने के लिए अनेक गैंगस्टर गुट सरगर्म हैं। गैंगस्टरों को राजनेताओं व पुलिस का संरक्षण मिल रहा है। गैंगस्टरों की आपसी गैंगवार होना अब आम बात हो गई है और जिस योजनाबद्ध तरीके से पिछले 2 साल के दौरान इन्होंने विभिन्न स्वयंसेवी एवं धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों की हत्याएं की हैं, वे आतंकवादी घटनाओं से भिन्न नहीं हैं। कोर्ट में गैंगस्टरों के अधिकतर मामलों में लोगों द्वारा गवाही न देना और पुलिस द्वारा समय पर चालान पेश न किए जाने के चलते 90 फीसदी गैंगसटर और आपराधिक छवि वाले लोग बरी हो जाते हैं। इस समय पंजाब में 60 के करीब गैंगस्टरों के ग्रुप सक्रिय हैं जिनकी संख्या 500 बताई जा रही है।
जिले में सक्रिय गैंगस्टर एवं ग्रुप
जिले में जयपाल, चंदू, शेरा खुब्बन, गुरप्रीत सिंह सेखों नामक ग्रुप गैंगस्टरों द्वारा चलाए जा रहे हैं। पिछले एक दशक में इस जिले में हैप्पी दिओड़ा की हत्या, तलवंडी में सेखों करमिती की हत्या, छावनी में कालू-दीपू की हत्या इत्यादि गैंगस्टरों की गैंगवार के कारण ही हुईं हैं। मालेरकोटला के कुख्यात गैंगस्टरों गाहिया खान और याहिया खान को 8 माह पहले पुलिस ने मक्खू से गिरफ्तार किया था। नाभा जेल ब्रेक के तार भी फिरोजपुर के गैंगस्टरों के साथ जुड़ चुके हैं और कई बार एस.आई.टी. जिले में जांच करने आ चुकी है। केन्द्रीय जेल में बंद विभिन्न गैंगस्टरों एवं उनके गुर्गों की आपस में लड़ाइयां हो चुकी हैं और जेल से ही कई गैंगस्टर बेधड़क मोबाइल का इस्तेमाल करते हुए कई बार पकड़े जा चुके हैं।
क्या है पकोका
गुंडा तत्वों और अपराधियों को कंट्रोल करने के लिए राज्य सरकार महाराष्ट्र के मकोका एक्ट की तर्ज पर पंजाब कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम (पकोका) को लागू करने की तैयारी में है। इस एक्ट के लागू होने के बाद निर्धारित रैंक के पुलिस अधिकारी की मौजूदगी में किसी अपराधी द्वारा दिया गया बयान या कबूलनामा अदालत में मान्य होगा।