Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Dec, 2017 09:26 AM
बठिंडा (विजय): राज्य में गैंगस्टरों का खौफ बढ़ता ही जा रहा है। बेशक पंजाब सरकार ने गैंगस्टरों से सख्ती से निपटने के आदेश भी दिए व पुलिस ने कई गैंगस्टर गिरोह का सफाया करने में सफलता भी हासिल की लेकिन अभी भी पुलिस की आंखों में धूल झोंककर गैंगस्टर घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।
शुक्रवार सुबह 11 बजे गैंगस्टरों द्वारा फॉच्र्यूनर गाड़ी छीनने और पुलिस से मुठभेड़ होने की खबर पूरे पंजाब में आग की तरह फैल गई। लोगों में चर्चा होने लगी कि विक्की गौंडर के साथ बठिंडा पुलिस की मुठभेड़ हुई है, लेकिन बाद में पता चला कि ये शेरा खुब्बन गैंग के सदस्य थे जबकि शेरा खुब्बन बठिंडा में एक मुठभेड़ में मारा गया था। उसके बाद यह गैंग विक्की गौंडर के साथ जुड़ गया था। पुलिस से हुई मुठभेड़ में पांचों गैंगस्टर, जिनमें से 2 तो मर चुके हैं, जबकि एक गंभीर है व 2 को गिरफ्तार कर लिया गया, ये सभी पहले से ही विभिन्न आपराधिक केसों में भगौड़े थे।
3 राज्यों की पुलिस जिनमें पंजाब, हरियाणा व राजस्थान शामिल है, उन्हें ढूंढ रही थी। इन्होंने 27 सितम्बर-2017 को अपने साथी अमृतपाल सिंह को पुलिस पर फायरिंग कर कस्टडी से फाजिल्का-अबोहर के नजदीक से छुड़वाया था।
पुलिस की गोली का शिकार हुए गैंगस्टर मनप्रीत सिंह मन्ना को मलोट जिला मुक्तसर का बताया जा रहा है, जिस पर कई संगीन मामले दर्ज हैं जिनमें हत्या, डकै ती, लूटपाट शामिल हैं। यह गैंग अधिकतर राजस्थान में भी सक्रिय है, पंजाब व हरियाणा से फॉच्र्यूनर गाड़ी छीनकर राजस्थान में घटना को अंजाम देते हैं। फॉच्र्यूनर गाड़ी इनकी पहली पसंद है क्योंकि मरुथल इलाके में यह गाड़ी रेत को आराम से पार कर जाती है जबकि पुलिस के पास अभी तक फॉच्र्यूनर गाड़ी नहीं है जिसका फायदा गैंगस्टर उठा रहे हैं। इस बात की पुष्टि आई.जी. एम.एस. छीना ने भी की।
गुलाबगढ़ वासियों के साथ स्कूली बच्चे रहे 3 घंटे दहशत में
गैंगस्टरों की पुलिस के साथ गुलाबगढ़़ में हुई मुठभेड़ के दौरान 3 घंटे तक वहां के निवासी व स्कूली बच्चे दहशत में रहे। गैंगस्टरों की जब पुलिस से मुठभेड़ हुई तो 2 गैंगस्टर भागकर स्कूल में छिप गए जिस कारण स्कूल के बच्चे व अध्यापक दहशत में आ गए। पुलिस के सामने गंभीर समस्या उत्पन्न हुई कि स्कूली बच्चों को कोई नुक्सान न हो। आखिरकार पुलिस ने उन दोनों को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर किया और उन्हें जिंदा गिरफ्तार कर लिया जिनसे एक पिस्तौल भी बरामद की गई। गांव निवासी एक चश्मदीद महिला ने बताया कि अचानक तेज रफ्तार गाडिय़ां आईं और उन गाडिय़ों में से एक गाड़ी में सवार युवकों ने पुलिस पर फायरिंग की तो वह घर की तरफ भागी। इतने में पुलिस ने भी गाड़ी सवार गैंगस्टरों पर गोलियां चला दीं। उसने बताया कि गोलियों की आवाज सुनते ही पूरे गांव के लोग एक बार सहम गए और उसके कुछ समय बाद पूरे गांव के लोग गांव के चौराहों पर आकर खड़े हो गए और उक्त घटना के बारे में चर्चा करने लगे।
पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर रात भर रेकी करते रहे गैंगस्टर
विक्की गौंडर गैंग के ये पांचों गैंगस्टर भी बङ्क्षठडा पुलिस की आंखों में धूलकर झोंककर रात भर रेकी करते रहे, यहां तक कि उन्होंने रात भी गांव आलमगढ़ में गुजारी। सबसे बड़ी बात यह है कि गैंगस्टरों से बरामद स्काॢपयो गाड़ी के शीशे भी काले थे जिस पर बैन लगा हुआ है। गुरुवार को भी यह गाड़ी बठिंडा की सड़कों पर घूमती रही और किसी भी पुलिस कर्मी की इस पर नजर नहीं पड़ी और न ही किसी ने इसे रोकने की कोशिश की।
मुठभेड़ में शामिल पुलिस को सम्मानित किया जाएगा : आई.जी.
पत्रकार सम्मेलन में आई.जी. बठिंडा जोन एम.एस. छीना ने कहा गैंगस्टरों के साथ हुए मुकाबले में पुलिस के जिन बहादुर जवानों ने मौत का खेल खेला उन्हें पुरस्कार देने हेतु सरकार को लिखा जाएगा और उन्हें सम्मानित किया जाएगा। आई.जी. ने बताया कि सी.आई.ए. स्टाफ के प्रभारी राजिंद्र कुमार एक बहादुर पुलिस अधिकारी हैं जिन्होंने अपने जान की परवाह न करते हुए फ्रंट पर जाकर गैंगस्टरों से मुकाबला किया। सी.आई-2 के प्रभारी तरजिंद्र सिंह की भूमिका भी काबिलेतारीफ है, उन्होंने ने भी गैंगस्टरों से लोहा लिया व उनके साथ थानेदार हरजीवन सिंह, 2 हवलदार व 2 सिपाही शामिल हैं।
गैंगस्टरों से बरामद स्कॉर्पियो गाड़ी का नंबर फर्जी
गैंगस्टरों से बरामद की गई स्कॉर्पियो गाड़ी राजस्थान की बताई जा रही है और उस पर आरोपियों ने पंजाब का फर्जी नंबर लगाया हुआ था, जिस पर सवार होकर पांचों आरोपी पहले मोगा में रुके, फिर उसके बाद वीरवार देर रात को बठिंडा पहुंचे और सुबह होते ही वे चंडीगढ़ के लिए निकले थे कि उन्होंने बठिंडा-चंडीगढ़ नैशनल हाईवे पर फॉर्च्यूनर गाड़ी गन प्वाइंट पर छीन ली थी ।
शेरा खुब्बन का चचेरा भाई है हरजिंद्र सिंह भिंदा
पांचों गैंगस्टरों में शामिल पकड़ा गया हरजिंद्र सिंह भिंदा गैंगस्टर रहे शेरा खुब्बन, जिसे बठिंडा पुलिस ने एक मुठभेड़ में मार गिराया था, का चचेरा भाई है। अबोहर में पडऩे वाले खुब्बन गांव में इनका परिवार रहता था लेकिन अब यह परिवार उत्तर प्रदेश के जिला बिजनौर के गांव जैलपुर में रह रहा है। आई.जी. एम.एस. छीना ने बताया कि उत्तर प्रदेश में भी इस गैंग के विरुद्ध कई मामले दर्ज हैं जिसकी रिपोर्ट मंगवाई जा रही है। भिंदा बठिंडा पुलिस की गिरफ्त में है और वह विक्की गौंडर के नजदीकियों में शामिल है। पुलिस को पूछताछ दौरान गौंडर के कई राज मिलने की संभावना है। विक्की गौंडर नाभा जेल ब्रेक का मुख्य साजिशकत्र्ता है जो पुलिस की पकड़ से दूर है व एक वर्ष से वह पुलिस के साथ आंख-मिचौली का खेल खेल रहा है। पुलिस उसे पकडऩे के लिए हाथ-पांव मार रही है लेकिन वह चकमा देकर फरार हो जाता है।
फॉर्च्यूनर के लालच में फंसे गैंगस्टर
बठिंडा में रात गुजारने के बाद लूटी हुई स्कॉर्पिया पर सवार होकर चंडीगढ़ के लिए निकले पांचों गैंगस्टरों को पहले तो लालच मरवा गया क्योंकि फॉर्च्यूनर गाड़ी चालक को अकेला देख उसकी गाड़ी गनप्वाइंट पर लूट ली। आई.जी. ने खुलासा किया कि फॉर्च्यूनर मालिक की पहचान एक पुलिस अधिकारी से थी जिसने तुरंत उसको सूचना दी और उसी की सूचना के बाद पुलिस ने गैंगस्टरों को घेर लिया। उसके बाद जब वे फरार होने लगे तो पुलिस उनके पीछे लग गई और रास्ता पता न होने के चलते दोनों गाडिय़ों में सवार गैंगस्टरों ने अपनी गाडिय़ों को गांव तुंगवाली की तरफ घुमा लिया। पुलिस पीछे होने के कारण गैंगस्टर उस तरफ ही जाते रहे, जहां उनको सड़क दिखाई देती गई लेकिन आखिरकार मनप्रीत मन्ना व प्रदीप को मौत गांव गुलाबगढ़ तक खींच लाई, जहां पर उनको पुलिस की गोलियां लगीं और दोनों ने बठिंडा के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया।