Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Nov, 2017 10:11 AM
26 वर्षीय पत्नी का 3 दोस्तों से गैंगरेप करवाने वाले कलयुगी शौहर के विरुद्ध हैबोवाल पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। केस दर्ज करवाने के लिए पीड़िता को 5 माह तक दर-दर की ठोकरें खानी पड़ीं। आखिरकार पुलिस कमिश्नर के हस्तक्षेप से यह मुकद्दमा दर्ज किया है,...
लुधियाना(महेश): 26 वर्षीय पत्नी का 3 दोस्तों से गैंगरेप करवाने वाले कलयुगी शौहर के विरुद्ध हैबोवाल पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। केस दर्ज करवाने के लिए पीड़िता को 5 माह तक दर-दर की ठोकरें खानी पड़ीं। आखिरकार पुलिस कमिश्नर के हस्तक्षेप से यह मुकद्दमा दर्ज किया है, परंतु अभी तक पीड़िता के मामले में लीपापोती करने वाले पुलिस अधिकारी के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसे लेकर पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। पीड़िता गांव लादियां की हैदर कालोनी की रहने वाली है। 3 साल पहले मुस्लिम रीति रिवाज के अनुसार उसका निकाह इसी इलाके के रहने वाले इजहार के साथ हुआ था। दोनों का यह दूसरा निकाह था। पहले शौहर से पीड़िता को एक बेटा है, जो उसी के साथ ही रहता है। पीड़िता का आरोप है कि इजहार ने केवल अपनी शारीरिक भूख मिटाने के लिए उससे निकाह किया।
3 सालों में 8 बार करवा चुका गर्भपात
इन 3 सालों के दौरान इजहार ने उसका जमकर मानसिक व शारीरिक शोषण किया। जबकि वह दिलों जान से इजहार से सच्चा प्रेम करती थी। उसका यह भ्रम उस वक्त टूट गया जब बच्चेदानी में रसौली होने के कारण वह बीमार रहने लगी। इसका पता चलते ही इजहार ने उससे मुंह फेरना शुरू कर दिया। उससे पीछा छुड़ाने के लिए इजहार ने उसे प्रताडि़त करने लगा। जबकि इन 3 सालों में इजहार उसका 8 बार गर्भपात करवा चुका था। शिकायतकत्र्ता ने बताया कि तमाम कोशिशों के बावजूद वह अपनी उजड़ती हुई गृहस्थी न बचा पाई। इजहार ने उसे 50 गज का मकान देकर उसे अकेला मरने के लिए छोड़ दिया। उसके पास इतनी भी रकम नहीं थी कि वह अपना इलाज करवा पाती लेकिन इस बीच उसकी हालत देखकर उससे हमदर्दी रखने वाले कुछ लोग सामने आए, जिन्होंने पैसे इकट्ठे करके उसका आप्रेशन करवाया।उसे इस बात की कतई उम्मीद नहीं थी कि इजहार इस हद तक गिर जाएगा कि अपने दोस्तों से उसका गैंगरेप करवाएगा। 5 महीने पहले 6 जून को इजहार अपने 3 दोस्तों के साथ उसके घर पर आया। जिसने अपने दोस्तों को उसके कमरे में भेजकर बाहर से कुंडी लगा दी और खुद दरवाजे पर चौकीदारी करने बैठ गया। आरोपी उससे कई घंटों हवस मिटाते रहे।
पीड़िता ने पुलिस कमिश्नर के समक्ष लगाई इंसाफ की गुहार
परिणामस्वरूप आप्रेशन के दौरान उसके लगे टांके खुल गए और उनसे खून बहने लगा। यह देखकर आरोपी उसे उसी अवस्था में छोड़कर फरार हो गए। इनमें से 2 को वह पहचानती है। एक का नाम यूनस और दूसरे का नाम सागर है, जबकि तीसरे आरोपी को सामने आने पर पहचान सकती है। उसने फोन पर इसकी जानकारी अपने पहचान वालों को दी। जिन्होंने बिरदारी में बदनामी होने का वास्ता देकर उसे चुप करवा दिया और इजहार से समझौता करवाने की बात कही। लेकिन इजहार अपनी गलती मानने को तैयार नहीं हुआ तो उसे इंसाफ पाने के लिए पुलिस के पास जाना पड़ा। पीड़िता ने आरोप लगाते हुए कहा कि हैबोवाल थाने में तैनात ए.एस.आई. राम कृष्ण ने सुनवाई करने की बजाय आरोपियों के साथ मिलीभगत करके उसी पर समझौते का दबाव बनाना शुरू कर दिया। अगले दिन तक राम कृष्ण ने कोई कार्रवाई नहीं की। पीड़ित ने बताया इस बीच लगातार उसका खून बहता रहा। जब उसकी हालत ज्यादा बिगड़ती गई तो उसे उसके जानकारों ने हैबोवाल के तूर अस्पताल में भर्ती करवा दिया। बावजूद इसके ए.एस.आई. उस पर लगातार समझौते का दबाव बनाता रहा और उसने उन लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया जो उसकी मदद कर रहे थे। इससे दुखी होकर उसने 17 जून को पुलिस कमिश्नर के समक्ष पेश होकर इंसाफ की गुहार लगाई। इन 5 महीनों में उसे कई कष्टदायक स्थितियों से गुजरना पड़ा, लेकिन अब उसे इंसाफ मिलने की उम्मीद फिर से जाग उठी है। अब वह आरोपियों को हर हालत में सजा दिलाकर रहेगी। इजहार के जानकारों का कहना है कि इजहार व उसके दोस्तों को एक सोची-समझी साजिश के तहत झूठे रेप केस में फंसाया गया है। वे निर्दोष हैं।